जयपुर. राजस्थान से बिहार और झारखंड के लिए पैदल निकले मजदूरों को स्टेट बॉडर पर रोकने को लेकर हुए विवाद को प्रदेश के श्रम सचिव नीरज के पवन ने गलत बताया है. नीरज के पवन ने कहा कि दो दिन पहले यूपी बॉडर पर हुई घटना चिंताजनक है. यूपी पुलिस को इस तरह से मजदूरों को नहीं रोकना चाहिए था. वो भी तो भारत के निवासी हैं. अब केंद्र सरकार के निर्देश पर उन्हें जाने दिया जा रहा है.
ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में मजदूर पैदल पलायन कर रहे हैं. प्रदेश की सरकार भी इन मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. ऐसे में किसी भी प्रदेश की पुलिस को इस तरह से मजदूरों को नहीं रोकना चाहिए. आखिर वो हमारे देश के लोग हैं.
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मजदूरों को लेकर और राजस्थान पुलिस के साथ यूपी पुलिस के बर्ताव पर राजस्थान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने एतराज जताया ही है. वहीं श्रम सचिव ने भी इस तरह की घटना की निंदा की है. नीरज के पवन ने कहा कि पड़ोसी राज्य होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो मजदूरों का सम्मान करते हुए उन्हें वहां से निकलने देते. हरियाणा, पंजाब, गुजरात में तो इस तरह की बात सामने नहीं आई. उन्होंने कहा कि अब इस पूरे मसले पर केंद्र सरकार ने दखल दे दिया है.
बता दें कि राजस्थान से बिहार और झारखंड के मजदूर पलायन कर पैदल घर जा रहे हैं. जो विगत दिन उत्तर प्रदेश की सीमा पर राजस्थान बॉर्डर पर भरतपुर जा पहुंचे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनको वहीं राजस्थान सीमा में ही रोक दिया. रविवार को प्रवासी मजदूरों को लेकर यूपी पुलिस और राजस्थान पुलिस के बीच तनाव व्याप्त हो गया. इस बीच बॉर्डर पर यूपी पुलिस की ओर से राजस्थान पुलिस के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और धक्का-मुक्की की खबर भी आई. जिससे दोनों तरफ की पुलिस के बीच तनाव भी पनप गया, लेकिन उच्च अधिकारियों की बैठक के बाद मामला शांत हुआ था.