जयपुर. राजस्थान एसीबी ने शुक्रवार देर रात 3 लाख रुपये की बंधी लेते हुए श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया और बंधी की राशि देने वाले दलाल अमित शर्मा व आर्थिक सलाहकार परिषद के रवि मीणा को गिरफ्तार करने के बाद सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया. एसीबी ने आरोपियों के जयपुर, सवाई माधोपुर व करौली स्थित आवास व कार्यालय में सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया. सर्च की कार्रवाई शनिवार दोपहर में जाकर पूरी हुई. जिसमें लाखों रुपये की नगदी और प्रॉपर्टी के कागज एसीबी के हाथ लगे हैं. टीम ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए करौली के श्रम कल्याण अधिकारी कार्यालय को सीज कर दिया है.
डीजी एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि सर्च की कार्रवाई में श्रम आयुक्त प्रतीक झाझरिया के निवास से 5.37 लाख रुपये की नगदी और कुछ प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज एसीबी ने सीज किए हैं. जिनकी जांच की जानी बाकी है. करौली जिले के श्रम कल्याण अधिकारी रमेश मीणा के निवास पर की गई सर्च में 10.83 लाख रुपये की नगदी और प्रॉपर्टी संबंधित दस्तावेज एसीबी ने सीज कर दिए हैं. एसीबी ने प्रतीक झाझड़िया, रवि मीणा और अमित शर्मा को कोर्ट में पेश कर 2 दिन की रिमांड पर लिया है.
पूरे प्रकरण में श्रम विभाग के विभिन्न जिलों के श्रम कल्याण अधिकारियों की भूमिका के बारे में भी जांच की जा रही है. एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में पूरे प्रदेश में एसीबी टीम जांच में जुटी हुई है. गौरतलब है की एसीबी मुख्यालय को श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया जो कि भारतीय डाक सेवा के अधिकारी हैं और डेपुटेशन पर राजस्थान में पदस्थापित हैं, उनके खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत प्राप्त हुई. जिस पर एसीबी इंटेलिजेंस ने लगातार निगरानी रख यह सूचना जुटाई की प्रतीक द्वारा राजस्थान के प्रत्येक जिले के श्रम कल्याण अधिकारियों से बंधी ली जा रही है.
एसीबी ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए प्रतीक को करौली के श्रम कल्याण अधिकारी रमेश मीणा के जरिए भेजी गई बंधी की राशि एक प्राइवेट दलाल अमित शर्मा और राजस्थान आर्थिक सलाहकार परिषद के विशेष अधिकारी रवि मीणा से लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया.