जयपुर. हेरिटेज नगर निगम के लिए भाजपा ने कुसुम यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन कुसुम यादव जीत की दहलीज पार नहीं कर सकी. उन्हें 100 में से 44 वोट ही मिल सके. हालांकि ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जोड़-तोड़ कर बोर्ड तो बना लिया, लेकिन ये बोर्ड ज्यादा दिन चला नहीं पाएंगे. वहीं उन्हें मतदान कक्ष से बाहर निकालें जाने पर गड़बड़ी का भी अंदेशा जताया.
हेरिटेज नगर निगम में बीजेपी की मेयर प्रत्याशी कुसुम यादव के लिए ये चुनाव काफी संघर्ष भरे रहे. पहले पार्षद टिकट को लेकर उन्हें खींचतान करनी पड़ी और आखिर में निर्दलीय चुनाव लड़ा. वहीं, जब बीजेपी ने उन्हें मेयर का प्रत्याशी बनाया, तो उन पर खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगे और मेयर चुनाव के दौरान उन्हें महज 44 वोट ही मिले. जिस पर कुसुम यादव ने असंतुष्टि व्यक्त की. वोटिंग के दौरान प्रत्याशी होने के बावजूद उन्हें मतदान कक्ष से बाहर निकाले जाने पर उन्होंने गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है.
पढे़ं: महापौर पति की मीटिंग में मौजूदगी से उठा सवाल...कब आएगी असल में महिलाओं के पास सत्ता
कुसुम यादव ने कहा कि कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर हुई है. कांग्रेस पर विश्वास नहीं किया जा सकता. पार्षदों का दिल जीतने में कामयाब नहीं हो पाए, यही वजह रही कि उन्हें जीत नहीं मिल सकी. हालांकि कुसुम यादव ये कहने से भी नहीं चूकी कि कांग्रेस ने जोड़-तोड़ से बोर्ड तो बना लिया, लेकिन ये बोर्ड ज्यादा दिन चला नहीं पाएंगे.
बता दें कि नगर निगम चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशी चयन के दौरान कुसुम यादव ने टिकट नहीं मिलने पर बागी तेवर अख्तियार कर लिए थे. उन्होंने हेरिटेज नगर निगम के वार्ड 74 से बतौर निर्दलीय नामांकन भर कर चुनाव मैदान में ताल ठोकी थी. जिसके चलते भाजपा ने कुसुम यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था, लेकिन आखिर में उन्हें ही बीजेपी ने मेयर का प्रत्याशी भी बनाया और उनका निलंबन भी रद्द किया गया.