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सरकार ऑनलाइन कोचिंग को बढ़ावा देकर कोटा को बर्बाद करने पर उतारू: हॉस्टल एसोसिएशन

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का ध्यान चुनाव करवाने पर है लेकिन शिक्षण संस्थाओं को खोलने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. गहलोत सरकार ने यूटर्न लेते हुए केंद्र सरकार के दिश-निर्देश के बाद शिक्षण संस्थाओं को खोलने की बात कह डाली.

Kota Hostel Association, Kota news
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन सरकार से नाखुश
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Published : Aug 7, 2021, 6:18 PM IST

कोटा. प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को खोलने के लिए कोई निर्णय नहीं हुआ है. इसके चलते कोटा के कोचिंग संस्थान (Kota coaching) बंद है और यहां का व्यापार ठप पड़ा हुआ है. अब कोटा के व्यापारी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं.

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले शिक्षण संस्थाओं को खोलने का निर्णय ले लिया था लेकिन सरकार में यू टर्न लेते हुए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद शिक्षण संस्थाओं को खोलने की बात कह डाली. जबकि केंद्र सरकार यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की बता रही है. इसके चलते पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है.

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन सरकार से नाखुश

उनका कहना है कि कोचिंग संस्थानों में पूरे देश भर से जो 2 लाख बच्चे आते थे, वह नहीं आ पा रहे हैं. होटल संचालकों ने यहां तक कह दिया कि सरकार ऑनलाइन कोचिंग को बढ़ावा देकर कोटा को बर्बाद करने पर उतारू है.

यह भी पढ़ें. SPECIAL : कोटा कोचिंग को अनलॉक करने की मांग...शहर की अर्थव्यवस्था की संजीवनी है कोचिंग व्यवसाय

संचालक का कहना है कि कोचिंग संस्थान बंद होने से यहां के हजारों हॉस्टल खाली पड़े हैं. जिनका करोड़ों का लोन बकाया है. जिसकी मंथली ईएमआई भी वह नहीं चुका पा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि हॉस्टलों को बेचने की नौबत आ गई है. कोचिंग खोलने के लिए आर-पार का आंदोलन करेंगे. इसमें उनके साथ स्कूल और कोचिंग संस्थान भी आएंगे. साथ ही कोचिंग से जुड़े हुए सभी व्यापार जिसमें फुटकर से लेकर फास्ट फूड, ऑटो, स्टेशनरी और जनरल स्टोर सहित सभी लोग आंदोलन करेंगे.

यह भी पढ़ें. कोटा: कोचिंग फिर शुरू करने की मांग को लेकर हॉस्टल एसोसिएशन ने किया सद्बुद्धि यज्ञ

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि राज्य सरकार चुनाव करवा रही है लेकिन शिक्षण संस्थाओं को नहीं खोला जा रहा है. सरकार की यह नीति हमारे समझ ही नहीं आ रही है. कोरल पार्क होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल का कहना है कि सरकार जिस तरह से लगातार ऑनलाइन ही कोचिंग को बढ़ावा देने की बात कर रही है. उसे कोटा का व्यापार बंद हो रहा है.

अगर कोविड-19 का असर बढ़ रहा है तो सारे व्यापारी को ही बंद कर देना चाहिए केवल स्कूल कोचिंग ही क्यों बंद है. लैंड मार्क सिटी हॉस्टल एसोसिएशन के महासचिव अशोक लड्ढा का कहना है कि जो भी बच्चा कोटा में आएगा. उसे हम वैक्सीनेट करवाने के बाद ही हॉस्टल में रखेंगे. साथ ही उन्हें कोचिंग भी तभी जाने दिया जाए लेकिन सरकार ऐसे तो अनुमति एक बार दे. उन्होंने कहा कि हम तो खुद की वैक्सीन खरीद के भी बच्चों को लगवा देंगे.

कोटा. प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को खोलने के लिए कोई निर्णय नहीं हुआ है. इसके चलते कोटा के कोचिंग संस्थान (Kota coaching) बंद है और यहां का व्यापार ठप पड़ा हुआ है. अब कोटा के व्यापारी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं.

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले शिक्षण संस्थाओं को खोलने का निर्णय ले लिया था लेकिन सरकार में यू टर्न लेते हुए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद शिक्षण संस्थाओं को खोलने की बात कह डाली. जबकि केंद्र सरकार यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की बता रही है. इसके चलते पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है.

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन सरकार से नाखुश

उनका कहना है कि कोचिंग संस्थानों में पूरे देश भर से जो 2 लाख बच्चे आते थे, वह नहीं आ पा रहे हैं. होटल संचालकों ने यहां तक कह दिया कि सरकार ऑनलाइन कोचिंग को बढ़ावा देकर कोटा को बर्बाद करने पर उतारू है.

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संचालक का कहना है कि कोचिंग संस्थान बंद होने से यहां के हजारों हॉस्टल खाली पड़े हैं. जिनका करोड़ों का लोन बकाया है. जिसकी मंथली ईएमआई भी वह नहीं चुका पा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि हॉस्टलों को बेचने की नौबत आ गई है. कोचिंग खोलने के लिए आर-पार का आंदोलन करेंगे. इसमें उनके साथ स्कूल और कोचिंग संस्थान भी आएंगे. साथ ही कोचिंग से जुड़े हुए सभी व्यापार जिसमें फुटकर से लेकर फास्ट फूड, ऑटो, स्टेशनरी और जनरल स्टोर सहित सभी लोग आंदोलन करेंगे.

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कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि राज्य सरकार चुनाव करवा रही है लेकिन शिक्षण संस्थाओं को नहीं खोला जा रहा है. सरकार की यह नीति हमारे समझ ही नहीं आ रही है. कोरल पार्क होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल का कहना है कि सरकार जिस तरह से लगातार ऑनलाइन ही कोचिंग को बढ़ावा देने की बात कर रही है. उसे कोटा का व्यापार बंद हो रहा है.

अगर कोविड-19 का असर बढ़ रहा है तो सारे व्यापारी को ही बंद कर देना चाहिए केवल स्कूल कोचिंग ही क्यों बंद है. लैंड मार्क सिटी हॉस्टल एसोसिएशन के महासचिव अशोक लड्ढा का कहना है कि जो भी बच्चा कोटा में आएगा. उसे हम वैक्सीनेट करवाने के बाद ही हॉस्टल में रखेंगे. साथ ही उन्हें कोचिंग भी तभी जाने दिया जाए लेकिन सरकार ऐसे तो अनुमति एक बार दे. उन्होंने कहा कि हम तो खुद की वैक्सीन खरीद के भी बच्चों को लगवा देंगे.

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