जयपुर. एक तरफ कोरोना महामारी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है. इसी बीच सरकार ने घरेलू गैस उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका दिया है. सरकार ने 13 दिन के भीतर दो बार रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की है. जिससे गृहणियों का रसोई घर का बजट बिगड़ गया है.
केंद्र सरकार ने 2 दिसंबर को घरेलू गैस सिलेंडर पर 50 रुपए की बढ़ोतरी की थी और घरेलू गैस के दाम 648 रुपए पहुंच गए थे. लेकिन दिसंबर महीने में ही सरकार ने फिर महज से महज 13 दिनों के अंतराल पर घरेलू रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी कर दी. सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर 50 रुपए तक की बढ़ोतरी की. इसके बाद घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 648 रुपए से बढ़कर 698 रुपए पहुंच गई. इस बढ़ोतरी ने आम उपभोक्ताओं के घर का बजट बिगाड़ दिया है.
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जयपुर के मालवीय नगर में रहने वाली अमिका हल्दिया का कहना है कि पहले कोरोना महामारी और इसके बाद लगे लॉकडाउन के बाद लोगों की आर्थिक हालत लगातार खराब होने लगे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से इस तरह से महज 13 दिन के अंदर दो बार रसोई गैस के दाम बढ़ा दिए गए. जिसके बाद अब घर का बजट बिगड़ने लगा है.
गृहणियों का कहना है कि रसोई गैस आज घर में सबसे जरूरी उपभोग की वस्तु है. ऐसे में रसोई गैस का दाम बढ़ने जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है. अमिका कहती हैं कि एक तरफ तो सरकार लोगों से घर पर रहने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ महंगाई में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है.
सरकार दे राहत
ऐसे में आम उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी होती है तो इसका असर परिवार के पूरे बजट पर पड़ता है और सरकार को कोरोना जैसी महामारी के दौरान लोगों को महंगाई का नहीं बल्कि राहत का तोहफा देना चाहिए. इसके अलावा कुछ मामलों में तो यह भी देखने को मिला कि जिन उपभोक्ताओं ने दाम बढ़ने से पहले सिलेंडर बुक किए थे, उन्हें बढ़े हुए दामों के साथ इसकी कीमत चुकानी पड़ी है. कुछ मामलों में तो यह भी देखने को मिला कि जिन लोगों ने दाम बढ़ने से पहले रसोई गैस बुक करवाई थी, उन्हें बढ़े हुए दामों के साथ सिलेंडर की कीमत चुकानी पड़ी है.