पीलूपुरा (भरतपुर) राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की 'आग' फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है. हालांकि, समाज के एक गुट ने 31 अक्टूबर को जयपुर जाकर सरकार के साथ वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया था. जबकि दूसरा धड़ा 1 नवंबर यानी रविवार के दिन पहले से प्रस्तावित आंदोलन के अनुसार बयाना के पीलूपुरा में रेल पटरियों पर बैठ गया और हंगामा शुरू कर दिया.
उधर, रविवार रात को गहलोत सरकार के मंत्री अशोक चांदना इस पूरे मामले पर जयपुर से हिंडौन पहुंचे. मंत्री चांदना कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन बैंसला ने मिलने से इनकार कर दिया. इस बीच सोमवार को खुद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पीलूपुरा स्थित प्रदर्शन केंद्र पर पहुंचे. जहां उन्होंने मीडिया से रूबरू होकर कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती है तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगें पूरी कर दे, उसी के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे.
सरकार का कोई नुमाइंदा आएगा...
मीडिया द्वारा पूछे गए मंत्री चांदना के ना मिलने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि मंत्री महोदय काफी लेट पहुंचे थे और रात में उनका यहां आना सही नहीं था. हमने कहा कि वो दिन में आएं, लेकिन उन्हें जरूरी काम था तो वो चले गए. मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार का कोई ना कोई नुमाइंदा आएगा तो हम वार्ता करेंगे.
बैंसला ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी मांग है बैकलॉग. सरकार ने इसका जिक्र अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी किया था और उसी के आधार पर हमारी मांग है. हमारी मांग वाजिब है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी आंदोलन जारी रहेगा.