जयपुर. भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा आज सुबह अचानक एक बार फिर सिविल लाइंस क्षेत्र पहुंच गए. उनकी इस औचक आमद से पुलिस प्रशासन सकते में आ गया. सांसद दौसा जिले की जल समस्या को लेकर विश्वेंद्र सिंह से मिलने पहुंचे (kirodi Lal Meena Stopped to meet vishwendra singh) थे. लेकिन पिछले दिनों हुई घटनाओं को देखते हुए एहतियात के तौर पर पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया. किरोड़ी मीणा और मंत्री विश्वेंद्र सिंह दोनों ने इस कार्यशैली पर नाराजगी जताई है.
दरअसल, एक पखवाड़े पहले दौसा में पेयजल किल्लत की समस्या को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में मटका फोड़ आंदोलन और प्रदर्शन किया गया था. तब जिले के प्रभारी मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जलदाय अधिकारियों के साथ पहुंचकर सांसद मीणा को समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था. इसके बाद क्षेत्र में पानी की समस्या का काफी हद तक समाधान भी हुआ लेकिन कुछ ही दिनों बाद फिर क्षेत्र में पानी की समस्या सामने आई. जिसके समाधान के लिए डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा आज सुबह अपनी गाड़ी से सिविल लाइंस स्थित मंत्री विश्वेंद्र सिंह के निवास जा पहुंचे. इस बीच मुख्यमंत्री आवास और सिविल लाइंस में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें दो से तीन स्थानों पर रोका लेकिन जैसे तैसे मीणा विश्वेंद्र सिंह के निवास पर पहुंच गए. यहां उन्होंने क्षेत्र में पेयजल की समस्या की बात रखी. इसका जल्द समाधान कराने का विश्वेंद्र सिंह ने आश्वासन भी दिया.
पुलिस कर्मियों की सख्ती, सांसद को रोकने और आसपास काफी पुलिस बल तैनात करने को लेकर मीणा ने विश्वेंद्र सिंह (Meena Complains Vishwendra ) को भी जानकारी दी. इसके बाद विश्वेंद्र सिंह खुद किरोड़ी लाल मीणा को सिविल लाइन्स क्षेत्र के बाहर तक छोड़ने आए. मंत्री ने वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपनी नाराजगी भी जताई. विश्वेंद्र सिंह ने इस दौरान ये तक कह दिया कि ये सांसद भी हैं और मेरे मित्र भी... कोई आतंकवादी नहीं जो इस प्रकार की घेराबंदी की जाए. दूसरी ओर पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री निवास और राज्यपाल निवास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर इसे अपनी ड्यूटी का पार्ट बताया.
'मुझे मानसिक रूप से कर रहे हैं टॉर्चर': सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि पुलिस का यह व्यवहार मुझे मानसिक रूप से परेशान करने वाला है. एक जनप्रतिनिधि के साथ इस प्रकार का व्यवहार किसी भी सूरत में उचित नहीं माना जा सकता. मीणा ने कहा मैं जयपुर पुलिस कमिश्नर से भी आग्रह करता हूं कि इस प्रकार का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के साथ ना करें वरना मैं आने वाले दिनों में फिर सिविल लाइंस पहुंचकर पुलिस के लिए चुनौती बनूंगा. वहीं, इसके बाद सांसद मीणा ने जयपुर पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में सुबह सिविल लाइंस में हुई घटना का जिक्र किया है.