जयपुर. भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राज्यसभा में बुधवार को दौसा महिला चिकित्सक की आत्महत्या का मामला उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2021 के आदेश में यह साफ लिखा गया है कि चिकित्सक अपनी सर्वोच्च क्षमता से मरीज का उपचार करता है. ऐसे में यदि मरीज की मौत हो जाती है तो इसका दोषी चिकित्सक को नहीं माना जा सकता. वहीं, सर्जरी के दौरान मरीज की मौत होने पर भी स्वाभाविक लापरवाही नहीं मानी जा सकती.
इसके लिए चिकित्सकों की सुरक्षा भी जरूरी है और डॉक्टर को अपना पक्ष रखने का मौका भी मिलना चाहिए. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि वर्तमान में हर मरीज की मौत को अस्पताल में तैनात डॉक्टर, नर्स व अन्य चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही से जोड़कर (kirodi Lal Meena Raised Doctor Archana Sharma Suicide Case in Rajya Sabha) मरीज के परिजन हमले करते हैं और हमले का यह ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. राजस्थान में भी एक महिला चिकित्सक ने इसी दबाव में आकर आत्महत्या कर ली थी.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक बिल का मसौदा तैयार किया था, लेकिन वह पारित नहीं किया जा सका. सांसद ने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए (Law to Protect Doctors in India) सरकार को ठोस कानून बनाना चाहिए और इसके लिए संसद में बिल भी पास किया जाना चाहिए.
पढे़ं : Dausa Doctor Suicide: आठ साल की बेटी ने लिखी चिट्ठी, सोशल मीडिया पर वायरल