जयपुर. राजस्थान से राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने अपने 2 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश कांग्रेस महासचिव नीरज डांगी राज्यसभा के उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस ने इन दोनों ही नामों को लेकर आधिकारिक घोषणा कर दी है. बता दें कि राजस्थान में 26 मार्च को 3 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होने हैं, इसके लिए 13 मार्च को नामांकन का अंतिम दिन है.
3 सीटों के हिसाब से कांग्रेस की जीत 2 सीटों पर तय मानी जा रही है, क्योंकि कांग्रेस के पास जरूरी बहुमत मौजूद है. ऐसे में दोनों की जीत भी लगभग तय है. केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी राजस्थान में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा पहुंचेंगे. इन नामों के चयन की अगर बात की जाए तो एक नाम केंद्र के कोटे से और दूसरा नाम राज्य के कोटे से आया है.
बता दें कि के सी वेणुगोपाल केरल से आते हैं, वेणुगोपाल एनएसयूआई से लंबे समय तक जुड़े रहे. अलजप्पा लोकसभा क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे. यूपीए सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में केंद्र में मंत्री भी रहे, जबकि नीरज डांगी दलित समुदाय से आते हैं. एससी समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है. ऐसे में एक दलित चेहरे को राज्यसभा से कांग्रेस की ओर से भेजा गया है. डांगी राजस्थान की विधानसभा से तीन बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीतने में कामयाब नहीं रहे हैं. इसके अलावा राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
दोनों ही नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं. केसी वेणुगोपाल राहुल गांधी और सोनिया गांधी के भी करीबी हैं और अशोक गहलोत ने जब संगठन महासचिव का पद छोड़ा था, उस समय केसी वेणुगोपाल को ही संगठन महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी और राजस्थान में जब चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर बाता चल रही थी उस समय के सी वेणुगोपाल ही राजस्थान के पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान आए थे.
यह भी पढ़ें- जयपुर : स्लीपर कोच बस और ट्रक की भिड़ंत में 2 की मौत, 6 घायल
गौरतलब है कि राजस्थान से अगर इन दोनों सीटों पर कांग्रेस जीत जाती है, तो राजस्थान में राज्यसभा से 3 नेता कांग्रेस के मेंबर बन जाएंगे. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही राजस्थान के कोटे से राज्यसभा जा चुके हैं. केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के नाम दोपहर करीब 12 बजे से चल रहा था, लेकिन कहा जा रहा है कि नीरज डांगी के नाम पर कांग्रेस का एक तबका नाराज चल रहा था, जिसके चलते इसकी घोषणा कुछ देरी से हुई. अब यह बात बिल्कुल साफ हो गई है कि राज्यसभा में उम्मीदवार भेजने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पूरी तरीके से चली है. हालांकि केसी वेणुगोपाल को लेकर किसी भी नेता को ऑब्जेक्शन नहीं था, लेकिन नीरज डांगी के नाम पर कुछ नाराजगी के स्वर दिखाई दे रहे थे.
वहीं संख्या बल की बात की जाए तो वर्तमान में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 51 वोटों की आवश्यकता है और इस लिहाज से 2 सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर भाजपा का प्रत्याशी आसानी से जीत सकता है. अगर तीन ही प्रत्याशी उतारे जाते हैं, तो फिर इनका चुनाव भी निर्विरोध हो जाएगा, लेकिन अगर भाजपा दूसरा प्रत्याशी खड़ा करती है तो फिर ऐसे में तीनों सीटों पर चुनाव होगा, वैसी इसकी संभावना बहुत कम दिखाई दे रही है.