जयपुर. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और किसानों की मौत के मामले में जयपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर हुए कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने तीखा कटाक्ष किया है. कटारिया ने कहा कि लखीमपुर की घटना दुखद है लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता घड़साना के किसानों के लिए भी कुछ आंसू बहा लें क्योंकि यहां भी किसान अपनी उपज की खरीद और पानी की सप्लाई सुचारु करने के लिए धरना दे रहे हैं जिन पर पुलिस ने लाठियां बरसाई हैं.
मंगलवार को गुलाब चंद कटारिया ने कांग्रेस नेताओं के इस धरना और विरोध प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना और किसानों की मौत बेहद दुखद बात है लेकिन आंदोलन को हिंसक बनाने से किसी को कोई लाभ नहीं होगा और समस्या का समाधान बातचीत से ही हल हो सकता है.
कटारिया ने कहा कि कांग्रेस के नेता यह विरोध प्रदर्शन और आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनकी नेता वहां गई हुई हैं लेकिन इस आंदोलन और प्रदर्शन का उन्हें कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलने वाला. कटारिया ने कहा कि बेहतर यह होता कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राजस्थान के घड़साना के किसानों पर भी अपने आंसू बहाते और उन पर ध्यान देते हैं क्योंकि राजस्थान में यह किसान अपनी उपज की खरीद और पानी की सुचारू व्यवस्था की मांग को लेकर काफी समय से धरना दे रहे थे लेकिन पुलिस ने इन पर लाठीचार्ज कर दिया.
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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अनुसार केवल यूपी की घटना को लेकर देशभर में सियासत करना और राजस्थान में किसानों पर हुई घटना पर चुप्पी साध लेना सही नहीं है और यह केवल यही दर्शाता है कि कांग्रेस के नेता किसानों के नाम पर केवल सियासत कर रहे हैं.
आंदोलन को हिंसक बनाने वालों की हो जांच
गुलाबचंद कटारिया ने यह भी कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना दुखद है लेकिन जांच उन लोगों की होना चाहिए जिन्होंने वहां किसानों के आंदोलन को हिंसक बनाया और जिस कारण यह घटना हुई.