जयपुर. कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया कटारिया बुधवार को कृषि भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस किया. कॉन्फ्रेंस के दौरान कटारिया ने टिड्डी प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए मिड सीजन एडवर्सिटी रिपोर्ट शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि खेती और किसान सरकार की पहली प्राथमिकता है, अधिकारी योजनाओं की शत प्रतिशत क्रियान्विति सुनिश्चित करें.
कृषि मंत्री ने अधिकारीयों को टिड्डी प्रभावित क्षेत्रो में टिड्डी नियंत्रण, राजस्व विभाग के सर्वे, इंश्योरेंस की स्थिति की समीक्षा कर अवगत कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने मिड सीजन एडवर्सिटी की रिपोर्ट शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित काश्तकारों को समुचित बीमा मुआवजा दिलवाया जा सके.
उन्होंने कहा कि अगर कहीं नए बीमा सर्किल में नुकसान होता है, तो उसकी सूचना तुरंत भिजवाएं. उसके लिए नया नोटिफिकेशन जारी करवा दिया जाएगा. कटारिया ने अगले सीजन में टिड्डी नियंत्रण के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. जिसमें ट्रेक्टर-स्प्रेयर के अलावा ड्रोन या अन्य जरूरी संसाधन शामिल करना सुनिश्चित करें, ताकि इस कार्य योजना के अनुसार ही कंटीजेंसी योजना बनाकर कार्य किया जाएगा. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिन से स्थिति नियंत्रण में है.
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प्राकृतिक आपदा की रिपोर्ट तुरन्त भेजें मुख्यालय...
कटारिया ने अधिकारियों को ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान होने पर तुरन्त मुख्यालय को रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसानों को ओलावृष्टि से नुकसान के बीमा मुआवजा के लिए व्यक्तिगत प्रार्थना पत्र देकर सूचना देनी होती है. अधिकारी इसके लिए काश्तकारों को जागरूक करें.
कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को आधुनिक और उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी सरल, सहज ढंग से देने के लिए खंड स्तर पर शीघ्र ही कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं. इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक कर तैयारियां सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम में होने वाली कृषि संगोष्ठी की विशेष तैयारी करें.
उन्होंने फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कुसुम योजना सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर शत प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करने के साथ जैविक खेती वाले काश्तकारों का पीजीएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए. कृषि और सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसी खेती करने वाले सभी काश्तकारों का पीजीएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
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उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर रजिस्ट्रड होने वाले काश्तकारों के प्रोडक्ट को राजफैड पैकेजिंग-ब्रांडिंग कर बड़े शहरों में विपणन करवाया जाएगा. जिससे किसानों को 25 से 50 फीसदी अधिक मूल्य मिल सकेगा. उन्होंने नई कृषि प्रसंस्करण नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार कर एग्रो इंडस्ट्री लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए, ताकि एग्रो प्रोडक्ट में वैल्यू एडेड कर किसानों की आय बढ़ाई जा सके. गंगवार ने विभिन्न योजनाओं में कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों के अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
उन्होंने बताया कि वह स्वयं खंड स्तर पर कृषि से संबद्ध विभागों की बैठकें कर योजनाओं की समीक्षा करेंगे. इस दौरान रबी सीजन में उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति के सम्बन्ध में कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि रबी सीजन में सभी जिलों में उर्वरकों की आपूर्ति पर्याप्त है. बैठक में कृषि विपणन विभाग के निदेशक ताराचंद मीना, संयुक्त शासन सचिव एसपी सिंह, कृषि मंत्री के विशिष्ट सहायक विभू कौशिक सहित कृषि, उद्यानिकी, बीज निगम और कृषि विपणन विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे.