जयपुर. कांग्रेस की 12 दिसंबर को होने वाली महंगाई हटाओ रैली (Mehangai hatao rally in jaipur) को लेकर सियासत गर्म है. मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार रैली की तैयारियों में जुटी है तो विपक्ष के नेता सरकार (Gulabchand Kataria targets gehlot government) को जनता के हित में रैली स्थगित करने की नसीहत दे रहे हैं. अब नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया (Kataria comment on congress rally) ने कहा है कि अमित शाह का कार्यक्रम हजारों की भीड़ वाला था. लेकिन कांग्रेस की रैली लाखों की भीड़ वाली है. ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार के गलत निर्णय का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा.
जयपुर में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गुलाबचंद कटारिया ने यह बात कही. कटारिया ने कहा कि हमारे कार्यक्रम के दौरान कोरोना का प्रकोप राजस्थान में दिखाई नहीं दे रहा था. लेकिन अब कोरोना की घंटी बज चुकी है. ऐसे में यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान को कोरोना की अगली लहर से जनता को बचाना चाहते हैं तो फिर विचार करें कि इस प्रकार की रैली के लिए उचित समय कौन सा होगा?.
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ज्योति ने भी लिखा सोनिया जी को पत्र, जिद्द पर न अड़ें गहलोत
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस की पूर्व प्रदेश महासचिव ज्योति खंडेलवाल ने भी जब कोरोना संक्रमण के खतरे को भांपते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा है तो फिर मुख्यमंत्री को भी अपनी जिद्द छोड़ देना चाहिए. कटारिया ने कहा कि ज्योति खंडेलवाल ने भी कुछ सोच समझकर ही पत्र लिखा होगा. लेकिन अब मुख्यमंत्री को निर्णय लेना है. कटारिया ने यह भी कहा कि पार्टी आलाकमान को खुश करने के कई और भी तरीके और कार्यक्रम हो सकते हैं. लेकिन इस समय सरकार का लिया गया एक गलत निर्णय प्रदेश की जनता के जीवन पर भारी पड़ सकता है.
गृह विभाग को लेकर दी ये नसीहत
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने अलवर के सरकारी स्कूल में बालिका से हुए गैंगरेप की घटना पर भी दुख जताया. कटारिया ने कहा विद्यालय में मासूमों के साथ एक के बाद एक हो रही इस प्रकार की घटनाओं से राजस्थान शर्मसार हो रहा है. इन घटनाओं के कारण केवल मुख्यमंत्री को ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर व्यक्ति को शर्मसार होना पड़ता है. कटारिया ने कहा इस प्रकार की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसका एकमात्र कारण है मुख्यमंत्री के पास इस विभाग के लिए समय नहीं होना.
कटारिया ने कहा कि गृह मंत्री का पद 24 घंटे का होता है. यदि रात में भी कोई इमरजेंसी हो तो जवाब भी देना पड़ता है और आवश्यकता अनुसार एक्शन भी लेना पड़ता है. क्योंकि यह सब डिपार्टमेंट की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जनता की पीड़ा जनप्रतिनिधि जितनी समझता है उतना कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं समझ सकता. यही कारण है या तो इस प्रकार की घटनाओं को सरकार गंभीरता से ले या फिर मुख्यमंत्री इस विभाग का मोह छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपें.
इसी मामले में भाजपा सांसद और प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी ने कहा कि आज राजस्थान की बेटियां प्रियंका गांधी से पूछ रही है कि मैं लड़की हूं तो क्या अपराधियों से लड़ सकती हूं?. दीया कुमारी ने कहा कि साल भर में राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बेटियों से अनाचार के 13 मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन शर्मनाक बात यह है कि इसमें एक भी आरोपी को सजा नहीं मिली.