जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि पीएफआई का पत्र सामने आने के बाद (Satish Poonia Targeted Gehlot Government) यह तो साफ हो गया कि राजस्थान सरकार का इंटेलिजेंस पूरी तरह फेलियर साबित हुआ है. दिल्ली में मीडिया से बातचीत में सतीश पूनिया ने कहा कि नव वर्ष पर हर बार इस तरह के धार्मिक जुलूस निकलते हैं, लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि करौली की घटना सुनियोजित थी.
सतीश पूनिया ने कहा कि करौली में शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकल रहा था, लेकिन आधी रास्ते के बाद पत्थर बरसा दिए गए. उन्होंने कहा कि अब पीएफआई का पत्र (PFI Letter on Karauli Incident) उजागर हुआ है तो यह भी लग रहा है कि या तो सरकार को इस पूरे घटनाक्रम की पहले से जानकारी थी या जानबूझकर सरकार अनजान थी. पूनिया ने सरकार पर तुष्टीकरण की नीति पर चलने का आरोप लगाया. पूनिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को अपने वोट बैंक की चिंता है, जबकि प्रदेश में बहुसंख्यक आबादी की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है.
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करौली की घटना प्रशासन और सरकार की असफलता : भाजपा नेता एवं जोधपुर भाजपा के संगठन प्रभारी वासुदेव देवनानी ने कहा है कि करौली की घटना प्रशासन का फेलियर है. प्रशासन के साथ-साथ सरकार का भी फेलियर है. क्योंकि जिस तरीके से योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया गया जो बताता है कि करौली की इंटेलिजेंस पूरी तरह से असफल साबित हुई. यह पूरा महकमा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन आता है, इसलिए उनकी भी असफलता है.
पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में कर्मचारी सुरक्षित नहीं हैं. विधायक पूरी तरह से अनियंत्रित हैं, कोई भी विधायक-मंत्री कुछ भी बोलते और करते है. लेकिन मुख्यमंत्री उन्हें टोकते नहीं हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि अगर किसी को कुछ कहा तो वह अल्पमत में आ जाएंगे. देवनानी ने कहा कि धौलपुर में एईएन को 22 फ्रैक्चर हुए हैं. उसके बावजूद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि 6 अप्रैल को भाजपा अपने स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है. देवनानी ने 2023 में राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के बाद कांग्रेस के भारत मुक्त होने की भी बात कही.
पीएफआई की चिट्ठी उजागर हुआ, षड्यंत्र सुनियोजित था : उधर राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि पीएफआई की चिट्ठी से उजागर हो रहा है कि करौली की घटना सुनियोजित थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास अपनी सरकार की विफलता छिपाने के लिए कॉपी-पेस्ट भाषण देने के अलावा और कोई काम नहीं है.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के सत्ता में आने के बाद जयपुर, बारां व करौली सहित अन्य जगहों पर हुए दंगे इनकी विफलता का प्रमाण है. देश-प्रदेश में आमजन की भावनाओं को भड़काने, हिन्दू व हिंदुत्व की अलग व्याख्या करने तथा तुष्टीकरण की राजनीति करने का इतिहास कांग्रेस पार्टी का ही रहा है, जिसके बारे में हर नागरिक भली-भांति जानता है.