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CAA और NRC के जरिए मोदी-शाह विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत बढ़ा रहे हैंः कन्नन गोपीनाथन

जयपुर में बधुवार को मीडिया से बात करते हुए कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए, एपीआर और एनआरसी को लेकर देश में माहौल खराब हो रहा है. एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत आगे बढ़ाई जा रही है.

Kannan Gopinathan speaks about CAA and NRC, सीएए और एनआरसी पर बोले गोपीनाथन
सीएए और एनआरसी पर बोले गोपीनाथन
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Published : Jan 29, 2020, 7:10 PM IST

जयपुर. अनुच्छेद 370 हटाने से नाराज होकर अपना इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अपनी बात रखी. पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए, एपीआर और एनआरसी को लेकर देश में माहौल खराब हो रहा है. एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत बढ़ाई जा रही है.

सीएए और एनआरसी पर बोले गोपीनाथन

कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान पर डायरेक्ट अटैक जैसा है. यह अच्छी बात है कि देश में इस कानून को लेकर विरोध किया जा रहा है. लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं.

पढ़ेंः CAA विरोधी रैली : उदयपुर में पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा

जो लोग नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल उठा रहे हैं, उनको दबाने की कोशिश की जा रही है. जो लोग सवाल उठा रहे हैं, उलट उन्हीं की गलतियां निकाल कर उनको चुप कराया जा रहा है. सवाल उठाने वाले लोगों को नक्सली, माओवादी बताया जा रहा है. यदि कोई मुसलमान आवाज उठाता है, तो उसको आतंकवादी करार दे दिया जाता है और यदि हिन्दू सवाल उठाता है तो उसे देशद्रोही बता दिया जाता है.

कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए और एनसीआर को लेकर यदि मीडिया भी कोई सवाल उठाता है, तो उससे भी दबाने की कोशिश की जा रही है. उनको एडवर्टाइजमेंट और सर्कुलेशन को लेकर के डराया जा रहा है. कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए में जो तीन देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के नामों पर भी आपत्ति जताई है.

पढ़ेंः बंगाल में हिंसक हुआ सीएए विरोधी प्रदर्शन, दो की मौत, 20 घायल

उन्होंने कहा कि इन तीनों को सेलेक्ट करने का कोई लॉजिक नहीं है. यह सिर्फ एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत है. जिसे मोदीं और शाह आगे बढ़ाना चाहते हैं. पहली बार ऐसा हुआ है कि नागरिकता संशोधन कानून में मजहब शब्द का इस्तेमाल किया गया है. पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ. सीएए और एनआरसी बिना सोचे समझे किए जाने वाला सरकार का निर्णय है और इससे नफरत और भ्रष्टाचार फैलेगा.

पढ़ेंः उदयपुरः CAA के खिलाफ निकाली जा रही रैली में प्रदर्शनकारियों ने काटा बवाल, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

उस नाई से बाल नहीं कटा सकते जिसने सिर काटने की धमकी दी हो

कन्नन गोपीनाथन ने कहा सरकार के मंत्री एनआरसी और एनपीआर को लेकर अलग-अलग बोलते हैं. कई कहते हैं एनआरसी और एनपीआर अलग-अलग है, कई मंत्री कहते हैं एनपीआर, एनआरसी का पहला स्टेप है. शाह ने भी कह दिया है कि 2024 से पहले एनआरसी को लागू करेंगे. इसके कारण लोग उन पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं और उनमें डर का माहौल है. वह कहते हैं कि एनपीआर के आंकड़े एनआरसी में लागू नहीं करेंगे लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ भी हो लेकिन उस नाई से बाल नहीं कटा सकते जिस ने सिर काटने की धमकी दी हुई हो.

जयपुर. अनुच्छेद 370 हटाने से नाराज होकर अपना इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अपनी बात रखी. पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए, एपीआर और एनआरसी को लेकर देश में माहौल खराब हो रहा है. एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत बढ़ाई जा रही है.

सीएए और एनआरसी पर बोले गोपीनाथन

कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान पर डायरेक्ट अटैक जैसा है. यह अच्छी बात है कि देश में इस कानून को लेकर विरोध किया जा रहा है. लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं.

पढ़ेंः CAA विरोधी रैली : उदयपुर में पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा

जो लोग नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल उठा रहे हैं, उनको दबाने की कोशिश की जा रही है. जो लोग सवाल उठा रहे हैं, उलट उन्हीं की गलतियां निकाल कर उनको चुप कराया जा रहा है. सवाल उठाने वाले लोगों को नक्सली, माओवादी बताया जा रहा है. यदि कोई मुसलमान आवाज उठाता है, तो उसको आतंकवादी करार दे दिया जाता है और यदि हिन्दू सवाल उठाता है तो उसे देशद्रोही बता दिया जाता है.

कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए और एनसीआर को लेकर यदि मीडिया भी कोई सवाल उठाता है, तो उससे भी दबाने की कोशिश की जा रही है. उनको एडवर्टाइजमेंट और सर्कुलेशन को लेकर के डराया जा रहा है. कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए में जो तीन देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के नामों पर भी आपत्ति जताई है.

पढ़ेंः बंगाल में हिंसक हुआ सीएए विरोधी प्रदर्शन, दो की मौत, 20 घायल

उन्होंने कहा कि इन तीनों को सेलेक्ट करने का कोई लॉजिक नहीं है. यह सिर्फ एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत है. जिसे मोदीं और शाह आगे बढ़ाना चाहते हैं. पहली बार ऐसा हुआ है कि नागरिकता संशोधन कानून में मजहब शब्द का इस्तेमाल किया गया है. पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ. सीएए और एनआरसी बिना सोचे समझे किए जाने वाला सरकार का निर्णय है और इससे नफरत और भ्रष्टाचार फैलेगा.

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उस नाई से बाल नहीं कटा सकते जिसने सिर काटने की धमकी दी हो

कन्नन गोपीनाथन ने कहा सरकार के मंत्री एनआरसी और एनपीआर को लेकर अलग-अलग बोलते हैं. कई कहते हैं एनआरसी और एनपीआर अलग-अलग है, कई मंत्री कहते हैं एनपीआर, एनआरसी का पहला स्टेप है. शाह ने भी कह दिया है कि 2024 से पहले एनआरसी को लागू करेंगे. इसके कारण लोग उन पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं और उनमें डर का माहौल है. वह कहते हैं कि एनपीआर के आंकड़े एनआरसी में लागू नहीं करेंगे लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ भी हो लेकिन उस नाई से बाल नहीं कटा सकते जिस ने सिर काटने की धमकी दी हुई हो.

Intro:जयपुर। अनुच्छेद 370 हटाने से नाराज होकर अपना इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अपनी बात रखी। पिक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए और एपीआर और एनआरसी को लेकर देश में माहौल खराब हो रहा है। एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत आगे बढ़ाई जा रही है।


Body:कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान पर डायरेक्ट अटैक जैसा है और यह अच्छी बात है कि देश में इस कानून को लेकर विरोध किया जा रहा है। लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं। जो लोग नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल उठा रहे हैं उनको दबाने की कोशिश की जा रही है जो लोग सवाल उठा रहे हैं उलट उन्हीं की गलतियां निकाल कर उनको चुप कराया जा रहा है सवाल उठाने वाले लोगों को नक्सली माओवादी आदि बताया जा रहा है। यदि कोई मुसलमान आवाज उठाता है तो उसको आतंकवादी करार दे दिया जाता है और यदि हिन्दू सवाल उठाता है तो उसे देशद्रोही बता दिया जाता है।
कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि सीएए और एनसीआर को लेकर यदि मीडिया भी कोई सवाल उठाता है तो उससे भी दबाने की कोशिश की जा रही है उनको एडवर्टाइजमेंट और सरकुलेशन को लेकर के डराया जा रहा है। कन्नन गोपीनाथन ने सीएए में जो तीन देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के नामों पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इन तीनों को सेलेक्ट करने का कोई लॉजिक नहीं है। यह सिर्फ एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत है जिसे मोदीं और शाह आगे बढ़ाना चाहते हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि नागरिकता संशोधन कानून में मजहब शब्द का इस्तेमाल किया गया है पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ। सीएए और एनआरसी बिना सोचे समझे किए जाने वाला सरकार का निर्णय है और इससे नफरत और भ्रष्टाचार फैलेगा।
उस नाई से बाल नहीं कटा सकते जिसने सिर काटने की धमकी दी हो-
कन्नन गोपीनाथन ने कहा सरकार के मंत्री एनआरसी और एनपीआर को लेकर अलग अलग बोलते हैं। कई कहते हैं एनआरसी और एनपीआर अलग-अलग है कई मंत्री कहते हैं एनपीआर एनआरसी का पहला स्टेप है शाह ने भी कह दिया है कि 2024 से पहले एनआरसी को लागू करेंगे इसके कारण लोग उन पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं और उनमें डर का माहौल है वे कहते हैं कि एनपीआर के आंकड़े एनआरसी में लागू नहीं करेंगे लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है उन्होंने कहा कि कुछ भी हो लेकिन उस नाई से बाल नहीं कटा सकते जिस ने सिर काटने की धमकी दी हुई हो।

बाईट कन्नन गोपीनाथन, पूर्व आईएएस


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