जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालातों के बीच दवाओं, बेड्स एवं ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को हो रही परेशानी के लिए प्रशासनिक कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि महामारी के मुश्किल वक्त में व्यवस्थाओं को सम्भालने और रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने में राज्य सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है.
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सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लगातार दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं. राज्य को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. कुप्रबंधन की वजह से राजस्थान में वैक्सीन की लाखों डोज बर्बाद हो गई. जिसके चलते वैक्सीनेशन कैम्प नहीं लग पा रहे हैं. राज्य के पास रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है. परन्तु सरकार की गलत नीतियों के कारण कुछ खास निजी अस्पतालों तथा बाजार में रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की सरेआम कालाबाजारी की जा रही है. जिसे रोकने में सरकार नाकाम साबित हो रही है.
कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड्स व ऑक्सीजन भी उपलब्ध हैं. परन्तु अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों को समय पर बेड्स, ऑक्सीजन तथा इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. जिससे मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है और प्रदेश में संक्रमण के हालात बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं. महामारी के वक्त भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति करने का काम कर रह हैं और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए निरन्तर केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रहें हैं.
सराफ ने गहलोत को नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार पर आरोप लगाने की बजाय मुख्यमंत्री को राज्य में कालाबाजारी रोकने तथा इलाज की व्यवस्थाएं सुधारनी चाहिए. जिससे आम मरीजों को उचित मूल्य पर रेमड़ेसिविर इंजेक्शन मिल सके, समय पर बेड्स व ऑक्सीजन की सुविधा मिले तथा वैक्सीन उपलब्ध हो ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. हालांकि कालीचरण सराफ में रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर आरोप तो लगा दिए लेकिन वे जयपुर पुलिस द्वारा कालाबाजारी कर रहे गिरोह के पर्दाफाश किए जाने की जानकारी से अनभिज्ञ रहे जिसके चलते उन्होंने ये सियासी आरोप भी लगा डाला.