जयपुर. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी से आखिरकार किनारा कर लिया और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. इसके साथ ही उन्हें भाजपा ने राज्यसभा में भेजने का भी निर्णय ले लिया है. इस मामले पर कांग्रेस के नेता आक्रामक होकर सिंधिया पर प्रहार कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो उन्हें अवसरवादी बताते हुए यहां तक कह दिया कि ऐसे लोग पहले ही चले जाते तो अच्छा होता.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि समय आने पर इन्होंने मौका परस्ती दिखाई है, इन्हें जनता माफ नहीं करेगी. लेकिन इसके उलट राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर किसी तरीके के कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं किया है.
पायलट ने इस मामले में पूरी तरह मीडिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन रात को उन्होंने ट्वीट करते हुए यह लिखा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस पार्टी से अलग रास्ता बनाते हुए देखना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं चाहता था कि चीजें पार्टी के अंदर आपसी समन्वय से ठीक कर ली जातीं.
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ऐसे में साफ है कि भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहे सिंधिया को लेकर कुछ भी कहा हो, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सिंधिया को लेकर किसी भी तरीके का आक्रामक बयान नहीं दिया. बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब भाजपा ज्वॉइन की उससे एक दिन पहले केवल सचिन पायलट से ही मुलाकात की थी और पायलट ने उन्हें मनाने का प्रयास भी किया था. हालांकि वह इस में नाकाम रहे.