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निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में CJ के साथ जस्टिस शर्मा करेंगे सुनवाई

राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली से जुडे़ मामले में शनिवार को राज्य सरकार तथा अन्य की अपील पर सुनवाई 7 दिसंबर तक टाल दी है. प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में हुई.

Jaipur News,  Judge Satish Sharma
महाधिवक्ता राजेश महर्षि
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Published : Dec 5, 2020, 10:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली से जुडे़ मामले में शनिवार को राज्य सरकार तथा अन्य की अपील पर सुनवाई 7 दिसंबर तक टाल दी है. प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में हुई. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पूर्व में प्रकरण न्यायाधीश सतीश शर्मा के खंडपीठ सुना जा रहा था. अब इसे 7 दिसंबर को उनके साथ बनने वाली खंडपीठ ही सुनेगी.

महाधिवक्ता राजेश महर्षि

गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों की 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल करने की छूट दी थी. राज्य सरकार व अन्य की इस आदेश के खिलाफ अपील पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को अंतरिम रूप से फीस तय करने को कहा था.

पढ़ें- आदेश के बावजूद खेल कोटे में अभ्यर्थी को नहीं किया शामिल, HC ने जारी किया अवमानना नोटिस

जिसकी पालना में राज्य सरकार ने सीबीएसई की कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस का 70 फीसदी और राजस्थान बोर्ड की इन कक्षाओं की ट्यूशन फीस का 60 फीसदी वसूलना तय किया है. पिछली सुनवाई पर इस मामले में एक निजी शिक्षक ने भी पक्षकार बनने की अर्जी लगाते हुए कहा था कि निजी स्कूलों ने करीब 75 फीसदी स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है और उसे दो महीने का वेतन भी आधा दिया है. स्कूल संचालक बच्चों पर दबाव डालकर फीस वसूली कर रहे हैं, लिहाजा शिक्षकों का भी पक्ष सुना जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली से जुडे़ मामले में शनिवार को राज्य सरकार तथा अन्य की अपील पर सुनवाई 7 दिसंबर तक टाल दी है. प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में हुई. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पूर्व में प्रकरण न्यायाधीश सतीश शर्मा के खंडपीठ सुना जा रहा था. अब इसे 7 दिसंबर को उनके साथ बनने वाली खंडपीठ ही सुनेगी.

महाधिवक्ता राजेश महर्षि

गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों की 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल करने की छूट दी थी. राज्य सरकार व अन्य की इस आदेश के खिलाफ अपील पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को अंतरिम रूप से फीस तय करने को कहा था.

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जिसकी पालना में राज्य सरकार ने सीबीएसई की कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस का 70 फीसदी और राजस्थान बोर्ड की इन कक्षाओं की ट्यूशन फीस का 60 फीसदी वसूलना तय किया है. पिछली सुनवाई पर इस मामले में एक निजी शिक्षक ने भी पक्षकार बनने की अर्जी लगाते हुए कहा था कि निजी स्कूलों ने करीब 75 फीसदी स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है और उसे दो महीने का वेतन भी आधा दिया है. स्कूल संचालक बच्चों पर दबाव डालकर फीस वसूली कर रहे हैं, लिहाजा शिक्षकों का भी पक्ष सुना जाए.

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