जयपुर. शहर में संयुक्त अभिभावक संघ की ओर से अधिकार पत्र हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई है. अधिकार पत्र हस्ताक्षर अभियान में पहुंचकर अभिभावक भाग ले रहे हैं. वहीं अभिभावकों का कहना है कि कोरोना काल में बच्चे स्कूल नहीं गए लेकिन फिर भी स्कूलों की ओर से फीस वसूली जा रही है. वहीं इस मामले में कोर्ट की तरफ से भी अभिभावकों को राहत नहीं दी गई. जिसके बाद अब अधिकार पत्र हस्ताक्षर अभियान के जरिए सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात पहुंचाई जाएगी.
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने बताया कि अभिभावकों का अधिकार पत्र भरवा के हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी स्कूलों की ओऱ से फीस वसूली पर राहत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि अधिकार पत्र हस्ताक्षर के माध्यम से अभिभावक की पीड़ा को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा. इसके साथ ही 100 प्रतिशत फीस वसूली से अभिभावकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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जो बच्चे एक साल से स्कूल ही नहीं गए उनसे भी पूरी फीस वसूली जा रही है. वहीं अभिभावकों की इस पीड़ा को हस्ताक्षर पत्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा अभिभावकों से अधिकार पत्र हस्ताक्षर करवाकर सुप्रीम कोर्ट के सामने पहुंचाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि अधिकार पत्र साक्षर अभियान के लिए जयपुर में 40 केंद्र स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने नजदीकी वाले केंद्र पर पहुंचकर अधिकार पत्र हस्ताक्षर कर सकते हैं.
वहीं अभिभावकों ने बताया कि स्कूलों में बच्चे एक दिन भी नहीं गए और स्कूल की तरफ से पूरी 100 प्रतिशत फीस मांगी जा रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी पूरी फीस वसूली पर आदेश दिए हैं, ऐसे में कोरोना की मार झेल रहे गरीब परिवारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो रहा है. अब ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर भी संकट खड़ा हो गया है.
इसके साथ ही काम धंधे बंद होने की वजह से आर्थिक स्थितियां खराब हो रही है, तो वहीं स्कूलों की ओर से भी नाजायज फीस वसूली जा रही है, जबकि 1 साल से बच्चे स्कूल नहीं गए तो फिर किस बात की ली जा रही है. छोटे बच्चे एलकेजी, यूकेजी में पढ़ने वाले हैं, जिनसे भी पूरी फीस वसूली जा रही है. ऐसे में अभिभावकों की पीड़ा पर ध्यान देना चाहिए, ताकि थोड़ी राहत मिल सके.