जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज पायलट कैम्प के विधायकों ने एक के बाद एक सड़क की अनुदान मांगों पर हिस्सा लेते हुए अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए. पहले हेमाराम चौधरी और उनके बाद बृजेंद्र ओला ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया. ओला ने कहा कि हमको भारत सरकर 45 परसेंट दे रही है 90 परसेंट क्यों नहीं दे रही है. इसमें तो नेशनल हाईवे पर तो शत-प्रतिशत पैसा भारत सरकारी खर्च करती है. झुंझनू को राष्ट्रीय राजमार्ग से क्यों वंचित किया जा रहा है.
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ओला ने कहा कि दुर्भाग्य से मेरा गांव भी इसी सड़क पर पड़ता है. उसको छोड़ दो कहीं ओर से बना दो. बजट के बाद ये छपा कि बृजेंद्र ओला को बजट में खाली रखा गया. मुझे खाली रख दो लेकिन उस विधानसभा की जनता को तो खाली मत रखो. यह स्थिति जब बन जाती है तो आप क्या आशा कर सकते हैं. जनता क्या आशा करती है. ओला ने अपनी पीड़ा विधानसभा में रखते हुए कहा कि 2 बजट आ चुके हैं लेकिन 1 इंच मिसिंग रोड नहीं बनाई गई. बहुत सारे पब्लिक से वादे किए थे.
दरअसल अनुदान मांगों में भाग लेते हुए बृजेंद्र ओला ने कहा कि 4 मार्च 2014 को रेवाड़ी से लेकर फतेहपुर तक झुंझुनू जिला मुख्यालय को जोड़ते हुए 1 नेशनल हाईवे की मंजूरी भारत सरकार ने दी थी और सड़क पर हरियाणा में राजस्थान के बॉर्डर तक लगभग फोरलेन का काम पूरा हो चुका है. राजस्थान का बॉर्डर जहां से शुरू होता है पचेरी से लेकर झुंझुनू जिला मुख्यालय तक एक चम्मच भी डामर नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री को पत्र लिखा तो पता लगा कि राज्य सरकार ने इस सड़क को झुंझुनू से लेकर पचेरी तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी को हस्तांतरित नहीं किया.
ओला ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि जिस सड़क को मंजूरी के 8 साल हो चुके हैं उसे राज्य सरकार ने हस्तांतरित क्यों नहीं किया. मैंने मेरे स्तर पर इस बारे में पता किया तो पता लगा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले कार्यकाल में चिड़ावा से लेकर पचेरी तक की सड़क को टोल के आधार पर बनवाया उसको भी लगभग 11-12 साल हो चुके हैं. उन्होंने मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि उस सड़क को जल्दी से जल्दी नाई( नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को ट्रांसफर करें.
कांग्रेस विधायक ने सदन में कहा कि एक तरफ तो हम जल जीवन मिशन की बात करते हैं कि हमको भारत सरकार 45 परसेंट दे रही है 90 परसेंट क्यों नहीं दे रही है. दूसरी ओर नेशनल हाईवे पर तो शत-प्रतिशत पैसा भारत सरकार खर्च करती है और झुंझुनू जिले को नेशनल हाइवे से जो लाभ मिलना चाहिए उसे वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह सड़क अगर नेशनल हाईवे के रूप में बन जाती है तो झुंझुनू जिला मुख्यालय सीधा दिल्ली से जुड़ जाएगा.
झुंझुनू जिला मुख्यालय दिल्ली से ही नहीं जुड़ेगा बल्कि डिफेंस के लिए भी एक अल्टरनेटिव सड़क सैनिकों को सीमा पर भेजने के लिए उपलब्ध हो जाएगी. लेकिन मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि तीसरा बजट सरकार ने रख दिया है लेकिन एक शब्द भी इस सड़क को लेकर नहीं बोला गया. यह बहुत पीड़ादायक स्थिति है क्योंकि यह सड़क यूपीए सरकार की मंजूर की गई है और अब हमारी सरकार आ गई है तो उसके बारे में कुछ नहीं कर रही है.
ओला ने कहा कि इस बजट में तीन झुंझुनू की सड़कों की घोषणा की गई है यह अच्छी बात है वह बननी भी चाहिए. लेकिन एक सड़क जो बहुत महत्वपूर्ण है चिड़ावा-अरदावता- सुलताना कि अगर चिड़ावा से सुल्ताना तक वह सड़क नहीं बनेगी तो उसका लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि बाकी तीन सड़कों पर जितना ट्रैफिक है उसे ज्यादा ट्रैफिक इस पर है, सार्वजनिक निर्माण विभाग इसकी जांच करवा लें. फिर भी पता नहीं क्यों इसकी घोषणा बजट में क्यों नहीं की गई.