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जयपुर : वेतन विसंगति दूर करने के लिए Twitter पर चल रहा 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग

भारतरत्न विश्वेश्वरैया के जन्मदिवस को अभियंता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. वहीं, इस मौके पर राजस्थान के अभियंता वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर ट्विटर पर 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग चला रहे हैं और इस पर मुख्यमंत्री को टैग किया जा रहा है.

demand of engineers, JEN asks for justice
वेतन विसंगति दूर करने के लिए ट्विटर पर चल रहा 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग
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Published : Sep 15, 2020, 7:41 PM IST

जयपुर. पूरे देश में मंगलवार को जहां भारतरत्न विश्वेश्वरैया के जन्मदिन को अभियंता दिवस के रूप में मनया जा रहा है. वहीं राजस्थान के अभियंताओं में अपनी वेतन विसंगति को लेकर रोष है. इसी रोष के चलते राजस्थान के अभियंता ट्विटर पर 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग चला रहे हैं. जेईएन ट्विटर पर इस तरह से अभियान चलाकर सरकार से वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री के ट्विटर पर इसे टैग किया जा रहा है. ट्विटर पर इस तरह से अभियान चलाकर जेईएन उनकी ग्रेड पे 4800 देने की मांग कर रहे हैं.

वेतन विसंगति दूर करने के लिए ट्विटर पर चल रहा 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग

अभियंताओं का कहना है कि चाहे कोरोना आया हो या कोई और विपत्ति, राजस्थान के अभियंता वर्ग स्वास्थ्य और जान की परवाह नहीं करते हुए राज्य की सेवा कर रहे हैं. इसके कारण ही बुरे से बुरे समय में भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदेश की जनता को निर्बाध रूप से मिल पाई है. पूरे भारत में राजस्थान के जेईएन की वेतन श्रंखला सबसे कम है. छठे वेतन आयोग के अनुसार जहां पूरे भारत में जेईएन को ग्रेड पे 4800 दी जा रही है. वहीं राजस्थान के जेईएन इससे 2 ग्रेड नीचे 3600 लेने को विवश हैं, जो कि थर्ड ग्रेड की सैलरी के अंतर्गत आती है.

पढ़ें- Special : संचालन के बाद भी नहीं सुधरे सीकर रोडवेज के हालात, रोजाना लाखों का नुकसान

राजस्थान इंजीनियर एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नंदराम गुर्जर ने बताया कि जेईएन वर्ग इस वेतन विसंगति को दूर करवाने के लिए 10 साल से संघर्ष कर रहा है. इन 10 सालों में कई सरकारें आईं पर आज तक किसी ने भी जेईएन की वेतन विसंगति दूर करने की जहमत नहीं उठाई. नंदराम गुर्जर ने बताया कि सामंत कमेटी के सामने जेईएन वर्ग अपनी समस्या तथा संपूर्ण भारत में तुलनात्मक रूप से राजस्थान के जेईएन की स्थिति विभिन्न यूनियन एसोसिएशन के माध्यम से बता चुका है.

उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट वर्तमान सरकार के पास धूल चाट रही है. इसलिए अभियंताओं में तकलीफ के बाद रोष भी है, और अब यह रोष ट्विटर से शुरू होकर होकर धरना प्रदर्शन और हड़ताल तक भी जा सकता है. गुर्जर ने कहा कि अभियंताओं को हकीकत में अभियंता दिवस की शुभकामनाएं तभी मिल सकेंगी, जब उन्हें ग्रेड पे 4800 रुपये दी जाएगी.

मानव कल्याण सेवा संस्थान ने किया पौधारोपण...

मानसून के दौरान आम जनता से लेकर जनप्रतिनिधि तक जयपुर को हरा भरा बनाने का प्रयास कर रहे हैं. लोग जयपुर को हरा भरा बनाने के लिए पौधारोपण कर रहे हैं. मानव कल्याण सेवा संस्थान की ओर से भी लगातार पौधारोपण किया जा रहा है. मंगलवार को मानव कल्याण सेवा संस्थान की ओर से आगरा रोड पर पौधारोपण किया गया. आम लोगों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और पेड़ लगाकर पर्यावरण का संदेश दिया.

पढ़ें- कोरोना के चलते आवश्यक उपकरणों को छोड़ नए वाहन और अन्य उपकरणों की खरीद पर लगा प्रतिबंध

संस्थान के संस्थापक प्रदीप शर्मा झारेडा ने बताया कि आज मॉडल टॉउन में उद्धघाटन कार्यक्रम के दौरान अतिथियों की उपस्थिति में 80 पौधे रोपे गए और उनकी देख-रेख करने का निर्णय भी लिया गया. संस्थान द्वारा वर्तमान मानसून सत्र में अन्य जिलों में लगभग 7500 पेड़ उगाए जा चके हैं. संस्थान की अध्यक्षा पूजा शर्मा ने बताया कि संस्थान प्रतिवर्ष सम्पूर्ण राजस्थान में 10 हजार पौधे मय ट्री गार्ड लगाने के लिए कृतसंकल्पित है.

जयपुर. पूरे देश में मंगलवार को जहां भारतरत्न विश्वेश्वरैया के जन्मदिन को अभियंता दिवस के रूप में मनया जा रहा है. वहीं राजस्थान के अभियंताओं में अपनी वेतन विसंगति को लेकर रोष है. इसी रोष के चलते राजस्थान के अभियंता ट्विटर पर 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग चला रहे हैं. जेईएन ट्विटर पर इस तरह से अभियान चलाकर सरकार से वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री के ट्विटर पर इसे टैग किया जा रहा है. ट्विटर पर इस तरह से अभियान चलाकर जेईएन उनकी ग्रेड पे 4800 देने की मांग कर रहे हैं.

वेतन विसंगति दूर करने के लिए ट्विटर पर चल रहा 'जेईएन मांगे न्याय' हैशटैग

अभियंताओं का कहना है कि चाहे कोरोना आया हो या कोई और विपत्ति, राजस्थान के अभियंता वर्ग स्वास्थ्य और जान की परवाह नहीं करते हुए राज्य की सेवा कर रहे हैं. इसके कारण ही बुरे से बुरे समय में भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदेश की जनता को निर्बाध रूप से मिल पाई है. पूरे भारत में राजस्थान के जेईएन की वेतन श्रंखला सबसे कम है. छठे वेतन आयोग के अनुसार जहां पूरे भारत में जेईएन को ग्रेड पे 4800 दी जा रही है. वहीं राजस्थान के जेईएन इससे 2 ग्रेड नीचे 3600 लेने को विवश हैं, जो कि थर्ड ग्रेड की सैलरी के अंतर्गत आती है.

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राजस्थान इंजीनियर एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नंदराम गुर्जर ने बताया कि जेईएन वर्ग इस वेतन विसंगति को दूर करवाने के लिए 10 साल से संघर्ष कर रहा है. इन 10 सालों में कई सरकारें आईं पर आज तक किसी ने भी जेईएन की वेतन विसंगति दूर करने की जहमत नहीं उठाई. नंदराम गुर्जर ने बताया कि सामंत कमेटी के सामने जेईएन वर्ग अपनी समस्या तथा संपूर्ण भारत में तुलनात्मक रूप से राजस्थान के जेईएन की स्थिति विभिन्न यूनियन एसोसिएशन के माध्यम से बता चुका है.

उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट वर्तमान सरकार के पास धूल चाट रही है. इसलिए अभियंताओं में तकलीफ के बाद रोष भी है, और अब यह रोष ट्विटर से शुरू होकर होकर धरना प्रदर्शन और हड़ताल तक भी जा सकता है. गुर्जर ने कहा कि अभियंताओं को हकीकत में अभियंता दिवस की शुभकामनाएं तभी मिल सकेंगी, जब उन्हें ग्रेड पे 4800 रुपये दी जाएगी.

मानव कल्याण सेवा संस्थान ने किया पौधारोपण...

मानसून के दौरान आम जनता से लेकर जनप्रतिनिधि तक जयपुर को हरा भरा बनाने का प्रयास कर रहे हैं. लोग जयपुर को हरा भरा बनाने के लिए पौधारोपण कर रहे हैं. मानव कल्याण सेवा संस्थान की ओर से भी लगातार पौधारोपण किया जा रहा है. मंगलवार को मानव कल्याण सेवा संस्थान की ओर से आगरा रोड पर पौधारोपण किया गया. आम लोगों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और पेड़ लगाकर पर्यावरण का संदेश दिया.

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संस्थान के संस्थापक प्रदीप शर्मा झारेडा ने बताया कि आज मॉडल टॉउन में उद्धघाटन कार्यक्रम के दौरान अतिथियों की उपस्थिति में 80 पौधे रोपे गए और उनकी देख-रेख करने का निर्णय भी लिया गया. संस्थान द्वारा वर्तमान मानसून सत्र में अन्य जिलों में लगभग 7500 पेड़ उगाए जा चके हैं. संस्थान की अध्यक्षा पूजा शर्मा ने बताया कि संस्थान प्रतिवर्ष सम्पूर्ण राजस्थान में 10 हजार पौधे मय ट्री गार्ड लगाने के लिए कृतसंकल्पित है.

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