जयपुर. गुलाबी नगरी जयपुर के होनहार मृदुल अग्रवाल ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेंस में ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. कोरोना काल में वर्चुअल पढ़ाई को उन्होंने कमजोरी नहीं बल्कि अपनी ताकत बनाया और पढ़ाई का तनाव दूर करने के लिए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स का सहारा लिया. अब मृदुल का सपना देश की प्रतिष्ठित मुंबई या दिल्ली आईआईटी में प्रवेश का है.
जयपुर के एलन इंस्टिट्यूट के विद्यार्थी मृदुल का कहना है कि अपनी यह सफलता उन्होंने परिजनों और टीचर्स को सपर्पित की है. उनके पिता प्रदीप अग्रवाल एक कंपनी में फाइनेंस हेड और माता पूजा अग्रवाल गृहिणी हैं. उनका कहना है कि 11वीं की पढ़ाई के साथ जेईई मेंस की तैयारी ऑफलाइन की थी, लेकिन बाहरवीं में आने के बाद पूरा एक साल कोरोना की भेंट चढ़ गया और कोचिंग भी बंद हो गई. इसके कुछ समय बाद ऑनलाइन कोचिंग शुरू हुई तो शुरू में सबकुछ अजीब लगता था.
इतने लंबे समय तक लैपटॉप और मोबाइल की स्क्रीन पर देखते रहने से शुरू में बड़ा अटपटा लगा. चश्मे का नंबर बढ़ने की भी समस्या आई, लेकिन बाद में सब सामान्य लगने लगा. उनका कहना है कि कोचिंग के अलावा नियमित रूप से 8 घंटे उन्होंने पढ़ाई की. जेईई मेंस का लंबा सिलेबस उबाऊ और थका देने वाला था. पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए मृदुल ने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स का सहारा लिया.
बीच-बीच में वह भाई के साथ खेलकर और दोस्तों से बात कर तनाव दूर करने का प्रयास करते थे. मृदुल बताते हैं कि उनके माता-पिता ने हर कदम पर उनका सपोर्ट किया. कई बार ऐसा हुआ है जब उनके टेस्ट और पढ़ाई के चलते माता-पिता ने अपनी दिनचर्या और बाहर आने-जाने तक के शेड्यूल में बदलाव किया.
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फिलहाल जो विद्यार्थी जेईई मेंस की तैयारी कर रहे हैं मृदुल उन्हें सलाह देते हैं कि विद्यार्थी को अपने आप पर और अपने शिक्षकों पर भरोसा होना चाहिए. इससे वह बड़ी से बड़ी सफलता भी हासिल कर सकते हैं. जब लगे कि परफॉर्मेंस कमजोर पड़ रही है तो हिम्मत हारने के बजाए कांफिडेंट होकर तैयारी करें. पेरेंट्स को भी बच्चों का मनोबल बढ़ाते रहना चाहिए. अब मृदुल जेईई एडवांस की तैयारी में जुट गए हैं. उनका कहना है कि उनका सपना देश की प्रतिष्ठित दिल्ली या मुंबई आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना है.