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नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में निर्माण रोकने को लेकर जेडीसी पेश करें शपथ पत्र : हाईकोर्ट - रिंग रोड

जयपुर के नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में सड़क और रिंग रोड के निर्माण को रोकने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए जेडीसी को शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

Rajasthan High court news, नेवटा बांध के डूब क्षेत्र
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Published : Sep 25, 2019, 9:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीसी को आदेश दिए हैं कि वह नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में बनी रही सडक़ और रिंग रोड के निर्माण को रोकने के संबंध में 5 नवंबर को अपना शपथ पत्र पेश करे. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव को सुनिश्चित करने को कहा है कि नोडल अधिकारी एसीएस रोहित कुमार सिंह की बैठक में विभागों के उच्चाधिकारी भी शामिल हो.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इंटर स्टेट जल मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से एमपी सरकार को पत्र लिखा गया है. वहीं नदी में जमी शिल्ट के उपयोग को लेकर पूर्व में सेन्ट्रल रिसर्च इन्स्टिट्यूट को लिखे पत्र का जवाब नहीं आया है.

पढ़ेंः जोधपुर में पुलिसकर्मी की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

राज्य सरकार की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में सडक़ और रिंग रोड के निर्माण को रोक दिया गया है. वहीं रामगढ़ क्षेत्र से जुडे 633 रेफरेंस रेवन्यू बोर्ड 271 रेफरेंस निस्तारित कर दिए हैं. वहीं मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से कहा गया कि हाल ही में बीसलपुर और कोटा-बैराज से पानी छोड़ा गया था, लेकिन इसके डायवर्जन का कोई प्लान ही नहीं बनाया गया.

पढ़ेंः अजमेर में समलैंगिक रिश्ते के लिए दो लड़कियां पहुंची थाने, कहा- हम दोनों एक दूजे के बिना नहीं रह सकती...

इसके अलावा एनिकटों के चलते रामगढ़ बांध में पानी नहीं पहुंचा. कमेटी की ओर से कहा गया कि पूर्व में एक हजार 68 करोड़ की लागत से मेजा नदी से रामगढ़ में पानी लाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की बात कही जा रही है. इतने बडे प्रोजेक्ट को पूरा होने में पांच दशक लग जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीसी को आदेश दिए हैं कि वह नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में बनी रही सडक़ और रिंग रोड के निर्माण को रोकने के संबंध में 5 नवंबर को अपना शपथ पत्र पेश करे. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव को सुनिश्चित करने को कहा है कि नोडल अधिकारी एसीएस रोहित कुमार सिंह की बैठक में विभागों के उच्चाधिकारी भी शामिल हो.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इंटर स्टेट जल मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से एमपी सरकार को पत्र लिखा गया है. वहीं नदी में जमी शिल्ट के उपयोग को लेकर पूर्व में सेन्ट्रल रिसर्च इन्स्टिट्यूट को लिखे पत्र का जवाब नहीं आया है.

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राज्य सरकार की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में सडक़ और रिंग रोड के निर्माण को रोक दिया गया है. वहीं रामगढ़ क्षेत्र से जुडे 633 रेफरेंस रेवन्यू बोर्ड 271 रेफरेंस निस्तारित कर दिए हैं. वहीं मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से कहा गया कि हाल ही में बीसलपुर और कोटा-बैराज से पानी छोड़ा गया था, लेकिन इसके डायवर्जन का कोई प्लान ही नहीं बनाया गया.

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इसके अलावा एनिकटों के चलते रामगढ़ बांध में पानी नहीं पहुंचा. कमेटी की ओर से कहा गया कि पूर्व में एक हजार 68 करोड़ की लागत से मेजा नदी से रामगढ़ में पानी लाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की बात कही जा रही है. इतने बडे प्रोजेक्ट को पूरा होने में पांच दशक लग जाएंगे.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीसी को आदेश दिए हैं कि वह नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में बनी रही सडक़ और रिंग रोड के निर्माण को रोकने के संबंध में 5 नवंबर को अपना शपथ पत्र पेश करे। इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव को सुनिश्चित करने को कहा है कि नोडल अधिकारी एसीएस रोहित कुमार सिंह की बैठक में विभागों के उच्चाधिकारी भी शामिल हो। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इंटर स्टेट जल मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से एमपी सरकार को पत्र लिखा गया है। वहीं नदी में जमी शिल्ट के उपयोग को लेकर पूर्व में सेन्ट्रल रिसर्च इन्स्ट्टीयूट को लिखे पत्र का जवाब नहीं आया है। राज्य सरकार की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि नेवटा बांध के डूब क्षेत्र में सडक़ और रिंग रोड के निर्माण को रोक दिया गया है। वहीं रामगढ़ क्षेत्र से जुडे 633 रेफरेंस रेवन्यू बोर्ड 271 रेफरेंस निस्तारित कर दिए हैं। वहीं मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से कहा गया कि हाल ही में बीसलपुर और कोटा-बैराज से पानी छोडा गया था, लेकिन इसके डायवर्जन का कोई प्लान ही नहीं बनाया गया। इसके अलावा एनिकटों के चलते रामगढ़ बांध में पानी नहीं पहुंचा। कमेटी की ओर से कहा गया कि पूर्व में एक हजार 68 करोड की लागत से मेजा नदी से रामगढ़ में पानी लाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इस्र्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की बात कही जा रही है। इतने बडे प्रोजेक्ट को पूरा होने में पांच दशक लग जाएंगे।Conclusion:
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