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जेडीए ने किया नीलामी नीति में बदलाव...बोलीदाता को मिलेगा ये फायदा - Jaipur dovelopment authority

जेडीए (जयपुर विकास प्राधिकरण) की नीलामी नीति में कई बदलाव किए गए हैं. जिसमें भूखंड की नीलामी छूटने के बाद बोली दाता द्वारा मांग पत्र जारी होने की तिथि से 15 दिन में संपूर्ण राशि जमा करने पर 1 फिसदी की छूट देने के प्रावधान तय किए गए हैं. वहीं अब अमानत राशि बोली शुरू करने की दर के आधार पर 2 फिसदी राशि ही देनी होगी.

जयपुर विकास प्राधिकरण, Jaipur latest news
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Published : Sep 30, 2019, 2:09 AM IST

जयपुर. राजस्थान सुधार ट्रस्ट शहरी भूमि के निपटान नियम 1974 के नियमों में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से संशोधन किया गया है. संशोधित किए गए नियमों के आधार पर जेडीए द्वारा नीलामी नीति में बदलाव करने से भूखंडों की नीलामी में भाग लेने वाले बोली दाताओं को फायदा मिलेगा. भूखंड के बोलीदाता को अब 15 फिसदी राशि 24 घंटे की बजाय 3 दिन में जमा कराने की सहुलियत दी गई है.

जेडीए ने किया नीलामी नीति में बदलाव

वहीं पहले नीलामी की मांग राशि 30 दिन में जमा करानी होती थी, जो अब नीलामी दिनांक से 35 फिसदी राशि 120 दिन में और शेष 50 फिसदी राशि 180 दिन में जमा कराने का समय दिया गया है. इसी तरह पहले निर्धारित 30 दिन में राशि जमा नहीं कराने पर अगले 60 दिन तक 15 फिसदी ब्याज सहित राशि जमा करानी होती थी.

यह भी पढ़ें : भाजपा विधायक दिलावर ने गलती से किया पॉलिथीन का उपयोग, खुद पर ही ठोक दिया 5 हजार का जुर्माना

अब 35 फिसदी राशि 120 दिन में जमा नहीं करवाए जाने पर अगले 60 दिन तक 15 फिसदी ब्याज सहित राशि जमा करानी होगी. जबकि बची हुई 50 फिसदी राशि 180 दिन में जमा नहीं करवाए जाने पर, अगले 90 दिन तक 15 फिसदी ब्याज की दर से राशि जमा करवानी होगी.

पहले बोलीदाता को अमानत राशि 50 हजार से 2 करोड रुपए तक जमा करानी होती थी. लेकिन, नई नीति के अनुसार अब अमानत राशि बोली शुरू करने की दर के आधार पर 2 फिसदी राशि ही देनी होगी. जेडीए की ओर से बदली गई नीलामी नीति से बोली दाताओं को फायदा मिलेगा.

जयपुर. राजस्थान सुधार ट्रस्ट शहरी भूमि के निपटान नियम 1974 के नियमों में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से संशोधन किया गया है. संशोधित किए गए नियमों के आधार पर जेडीए द्वारा नीलामी नीति में बदलाव करने से भूखंडों की नीलामी में भाग लेने वाले बोली दाताओं को फायदा मिलेगा. भूखंड के बोलीदाता को अब 15 फिसदी राशि 24 घंटे की बजाय 3 दिन में जमा कराने की सहुलियत दी गई है.

जेडीए ने किया नीलामी नीति में बदलाव

वहीं पहले नीलामी की मांग राशि 30 दिन में जमा करानी होती थी, जो अब नीलामी दिनांक से 35 फिसदी राशि 120 दिन में और शेष 50 फिसदी राशि 180 दिन में जमा कराने का समय दिया गया है. इसी तरह पहले निर्धारित 30 दिन में राशि जमा नहीं कराने पर अगले 60 दिन तक 15 फिसदी ब्याज सहित राशि जमा करानी होती थी.

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अब 35 फिसदी राशि 120 दिन में जमा नहीं करवाए जाने पर अगले 60 दिन तक 15 फिसदी ब्याज सहित राशि जमा करानी होगी. जबकि बची हुई 50 फिसदी राशि 180 दिन में जमा नहीं करवाए जाने पर, अगले 90 दिन तक 15 फिसदी ब्याज की दर से राशि जमा करवानी होगी.

पहले बोलीदाता को अमानत राशि 50 हजार से 2 करोड रुपए तक जमा करानी होती थी. लेकिन, नई नीति के अनुसार अब अमानत राशि बोली शुरू करने की दर के आधार पर 2 फिसदी राशि ही देनी होगी. जेडीए की ओर से बदली गई नीलामी नीति से बोली दाताओं को फायदा मिलेगा.

Intro:जयपुर - जेडीए की नीलामी नीति में कई बदलाव किए गए हैं। जिसमें भूखंड की नीलामी छूटने के बाद बोली दाता द्वारा मांग पत्र जारी होने की तिथि से 15 दिन में संपूर्ण राशि जमा करने पर 1% की छूट देने के प्रावधान तय किए गए हैं। वहीं अब अमानत राशि बोली शुरू करने की दर के आधार पर 2% राशि ही देनी होगी।


Body:राजस्थान सुधार ट्रस्ट शहरी भूमि के निपटान नियम 1974 के नियमों में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से संशोधन किया गया है। संशोधित किए गए नियमों के आधार पर जेडीए द्वारा नीलामी नीति में बदलाव करने से भूखंडों की नीलामी में भाग लेने वाले बोली दाताओं को फायदा मिलेगा। भूखंड के बोलीदाता को अब 15% राशि 24 घंटे की बजाय 3 दिन में जमा कराने की सहुलियत दी गई है। वहीं पहले नीलामी की मांग राशि 30 दिन में जमा करानी होती थी, जो अब नीलामी दिनांक से 35% राशि 120 दिन में और शेष 50% राशि 180 दिन में जमा कराने का समय दिया गया है। इसी तरह पहले निर्धारित 30 दिन में राशि जमा नहीं कराने पर अगले 60 दिन तक 15% ब्याज सहित राशि जमा करानी होती थी। अब 35% राशि 120 दिन में जमा नहीं करवाए जाने पर अगले 60 दिन तक 15% ब्याज सहित राशि जमा करानी होगी। जबकि बची हुई 50% राशि 180 दिन में जमा नहीं करवाए जाने पर, अगले 90 दिन तक 15% ब्याज की दर से राशि जमा करवानी होगी।


Conclusion:वहीं पहले बोलीदाता को अमानत राशि 50 हज़ार से 2 करोड रुपए तक जमा करानी होती थी। अब अमानत राशि बोली शुरू करने की दर के आधार पर 2% राशि ही देनी होगी। जेडीए की ओर से बदली गई नीलामी नीति से बोली दाताओं को फायदा मिलेगा।
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