जयपुर. भरतपुर के महाराजा सूरजमल का चित्रण गलत तरीके से प्रदर्शित करने को लेकर आशुतोष गोवरिकर की फिल्म पानीपत काफी विवादों में चल रही है. इस ही कड़ी में सोमवार को जाट समाज के नेताओं ने अतिरिक्त मुख्य सचिव होम राजीव स्वरूप से सचिवालय में मुलाकात कर फिल्म पर प्रदेश में बैन लगाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
प्रदेश में माहौल बिगड़ सकता
जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि अगर फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो प्रदेश में माहौल बिगड़ सकता है. इससे जाट समाज ही नहीं अन्य समाजों के लोग भी नाराज हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जाट समाज की मांग पर एसीएस होम राजीव स्वरूप ने उन्हें भरोसा दिलाया है, कि इस संबंध में जल्द ही उचित कार्रवाई होगी. वहीं एसीएस होम ने फिल्म वितरकों को वार्ता के लिए बुलाया है.इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह सहित अन्य जाट नेता भी उनके साथ मौजूद रहे.
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कई सिनेमाघरों में प्रदर्शन
गौरतलब है कि फिल्म में गलत चित्रण करने को लेकर आईनॉक्स और राजमंदिर सिनेमा के बाहर प्रदर्शन किया गया था. साथ ही तोड़फोड़ के भी मामले सामने आए है. वहीं गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने भी गलत चित्रण को लेकर नाराजगी जताई है और कहा कि गुर्जर समाज प्रदेश भर में इसको लेकर आंदोलन करेगा.
समाज के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई
पानीपत फिल्म में भरतपुर रियासत के महाराजा सुरजमल का गलत चित्रण प्रस्तुत करना किसी भी तरह से बर्दास्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि माहाराजा सूरजमल की इतिहासिक छवि को पानीपत फिल्म में जानबूझकर खराब कर समाज के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने का काम फिल्म निर्माता अशुतोष गवारिकर द्वारा किया जा रहा है.
नहीं चलाया जाएगा पानीपत का शो
फिल्म निर्माता आशुतोष गवारिकर ने अपनी स्वार्थ सिद्दि और आर्थिक फायदे के लिए धृणित ऐसा कार्य से समाज की समरसता को बिगाड़ने का अंदेश है. वहीं जाट समाज के साथ सर्व समाज सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. यूनाईटेड जाट महासभा ने अन्य जाट संस्थाओं के साथ राजमंदिर सिनेमा हाल प्रदर्शन फिल्म के शो रुकवाया. जिसके फलस्वरूप सिनेमा एसोसिएशन ने यूनाईटेड जाट महासभा को अश्वासन दिया कि अब इस फिल्म का शो नहीं चलाया गया.