जयपुर. केंद्र सरकार की जल शक्ति अभियान योजना के तहत प्रदेश के सभी ग्राम में चार-चार प्रोजेक्ट के जरिये काम किया जाएगा. इसको लेकर सभी जिला कलेक्टर और संबंधित विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए है. जल शक्ति अभियान 15 सितम्बर तक चलेगा. इससे पहले सभी प्रोजेक्टों को पूरा करना होगा. जल शक्ति अभियान को मनरेगा के साथ कर ये काम किये जायेंगे. ताकि जल सृजन के साथ रोजगार भी मिल सके.
केंद्र में मोदी सरकार के बनने के साथ घटते जल स्तर को बढ़ाने और प्राकृतिक जल के संचयन और संरक्षण के लिए अलग से जल शक्ति विभाग बनाया है और इसकी जिम्मेदारी जोधपुर से सांसद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को दी गई है. जल शक्ति अभियान के तहत जिला मुख्यालयों, पंचायत समिति मुख्यालयों, ग्राम पंचायतों पर जिला प्रशासन, जिला परिषद , ग्राम पंचायत , शिक्षा विभाग, स्थानीय विद्यालयों और महाविद्यालयों को इस अभियान से जोड़ा गया.
पढ़ें: डाक्टर्स की लापरवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, मरीज को जिंदा होने पर भी कर दिया मृत घोषित
15 जुलाई से 15 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान का दायरा बढ़ाते हुए हर ग्राम में चार-चार प्रोजेक्ट शुरु किये गए है. जिसमे वाटर हार्वेस्टिंग और एनीकट शामिल है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने बताया की जल शक्ति अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण, जल प्रबंधन, जल संवर्धन का काम इस प्रोजेक्ट में किया जा रहा है. सभी जिलों की रिपोर्ट दी गई है सभी जगह काम संतुष्ट पूर्ण है.
पढ़ें: जम्मू कश्मीर : तावी नदी पर फंसे दो लोग, वायुसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर बचाया
हर ग्राम में 44 फौजी के जरिए काम कराए जाएंगे. इसके लिए जन प्रतिनिधियों, अभ्यर्थियों, युवाओं, अधिकारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, एनएसएस स्काउट एडं गाइड, नेहरू युवा केन्द्र सहित अन्य की भागीदारी भी इस अभियान में जोड़ी गई है. ये अभियान 15 सितम्बर तक चलेगा. डेट लाइन से पहले सभी कामों को पूरा करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टर को दिए गए है. बता दें कि इस अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताएं और नुकड़ नाटक किये, ताकि आम जनता को जल संरक्षण और जल संवर्धन किया जा सके.