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संभालो इस JJM को, दिव्या मदेरणा के बाद अब रीटा चौधरी हुईं नाराज

जलदाय मंत्री महेश जोशी अपने ही विधायकों के निशाने पर आ गए हैं. दिव्या मदेरणा के बाद अब विधायक रीटा चौधरी ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि 2019 में प्रोजेक्ट पास हुआ था, 22 आ गया लेकिन काम पूरा नहीं हो रहा. यहां जानिए पूरा मामला.

Mahesh Joshi on MLA Rita Choudhary
रीटा चौधरी महेश जोशी
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Published : Aug 17, 2022, 4:38 PM IST

जयपुर. भारत सरकार की ओर से 2024 तक प्रत्येक परिवार तक "हर घर नल से जल" पहुंचाने के लिए शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना के काम की प्रगति के चलते जलदाय मंत्री महेश जोशी अपने ही विधायकों के निशाने पर आ गए हैं. जहां विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी की ही विधायक दिव्या मदेरणा ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए मंत्री महेश जोशी को "रबर स्टैम्प" तक कह दिया था तो अब जेजेएम (Jal Jeevan Mission) के तहत चल रहे कामों की धीमी प्रगति के चलते कांग्रेस की दूसरी तेजतर्रार महिला विधायक रीटा चौधरी ने भी जल जीवन मिशन की धीमी गति पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जता दी है.

विधायक रीटा चौधरी ने मंत्री महेश जोशी से जल जीवन योजना को लेकर कहा कि "इस जेजेएम को संभालो थोड़ा सा", 2 साल से तो मेरा काम लंबित चल रहा है. 2019 में प्रोजेक्ट पास हुआ था, उसके बाद 2020, 2021 और अब 2022 आ चुका है, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. विधायक रीटा चौधरी ने मंत्री महेश जोशी से इस योजना के तहत बरती जा रही लापरवाही और आम जनता को आ रही परेशानी को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि पाइप लाइनें डालने के लिए सड़कें खोद दी गईं, लेकिन उन पाइप लाइनों को जोड़ा भी नहीं गया और सड़कों को ठीक भी नहीं किया गया. इससे स्थितियां बहुत खराब हो गईं हैं.

महेश जोशी ने क्या कहा...

जो पुरानी पाइप लाइन थी वह तहस-नहस हो गई, जिससे पानी जो पहले आ रहा था वह भी बंद हो गया. विधायक रीटा चौधरी ने इसके लिए ठेकेदारों को भी (Rita Choudhary Alleged Contractors) जिम्मेदार बताया. ऐसे में पहले ही अपनी पार्टी की विधायक दिव्या मदेरणा की नाराजगी झेल चुके महेश जोशी ने जब रीटा चौधरी की नाराजगी देखी तो उन्होंने उसी समय पूरे प्रदेश के एक्सईएन की प्रगति रिपोर्ट अगले 3 दिन में मंगाने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए.

पढ़ें : महेश जोशी ने की गजेंद्र सिंह शेखावत से वॉइस सैम्पल देने की मांग, मानहानि के केस की दी चुनौती

इसके बाद महेश जोशी ने कहा कि वैसे तो इस योजना में क्योंकि केंद्र की ओर से बराबर की हिस्सेदारी होती है, ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच सामंजस्य भी बैठाना होता है और केंद्र से अनुमति लेनी पड़ती है. जिसमें समय भी लगता है, लेकिन इसके अलावा कहीं-कहीं अधिकारियों की परफॉर्मेंस के चलते भी काम में देरी हो रही है. इसलिए विभाग की ओर से परफॉर्मेंस सीट तैयार करवाई जा रही है, जिससे यह पता लगे कि कहां किस एक्सईएन ने कितना काम किया है और कितना बाकी है. महेश जोशी ने इस मामले में सही से काम नहीं कर रहे एक्सईएन पर कार्रवाई के भी संकेत (Action Signals on XEN) देते हुए कहा कि किसी क्षेत्र में काम आशा के अनुसार अधिकारी ने नहीं किया है तो उसे हटाने में सरकार कोई संकोच नहीं करेगी.

जयपुर. भारत सरकार की ओर से 2024 तक प्रत्येक परिवार तक "हर घर नल से जल" पहुंचाने के लिए शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना के काम की प्रगति के चलते जलदाय मंत्री महेश जोशी अपने ही विधायकों के निशाने पर आ गए हैं. जहां विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी की ही विधायक दिव्या मदेरणा ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए मंत्री महेश जोशी को "रबर स्टैम्प" तक कह दिया था तो अब जेजेएम (Jal Jeevan Mission) के तहत चल रहे कामों की धीमी प्रगति के चलते कांग्रेस की दूसरी तेजतर्रार महिला विधायक रीटा चौधरी ने भी जल जीवन मिशन की धीमी गति पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जता दी है.

विधायक रीटा चौधरी ने मंत्री महेश जोशी से जल जीवन योजना को लेकर कहा कि "इस जेजेएम को संभालो थोड़ा सा", 2 साल से तो मेरा काम लंबित चल रहा है. 2019 में प्रोजेक्ट पास हुआ था, उसके बाद 2020, 2021 और अब 2022 आ चुका है, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. विधायक रीटा चौधरी ने मंत्री महेश जोशी से इस योजना के तहत बरती जा रही लापरवाही और आम जनता को आ रही परेशानी को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि पाइप लाइनें डालने के लिए सड़कें खोद दी गईं, लेकिन उन पाइप लाइनों को जोड़ा भी नहीं गया और सड़कों को ठीक भी नहीं किया गया. इससे स्थितियां बहुत खराब हो गईं हैं.

महेश जोशी ने क्या कहा...

जो पुरानी पाइप लाइन थी वह तहस-नहस हो गई, जिससे पानी जो पहले आ रहा था वह भी बंद हो गया. विधायक रीटा चौधरी ने इसके लिए ठेकेदारों को भी (Rita Choudhary Alleged Contractors) जिम्मेदार बताया. ऐसे में पहले ही अपनी पार्टी की विधायक दिव्या मदेरणा की नाराजगी झेल चुके महेश जोशी ने जब रीटा चौधरी की नाराजगी देखी तो उन्होंने उसी समय पूरे प्रदेश के एक्सईएन की प्रगति रिपोर्ट अगले 3 दिन में मंगाने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए.

पढ़ें : महेश जोशी ने की गजेंद्र सिंह शेखावत से वॉइस सैम्पल देने की मांग, मानहानि के केस की दी चुनौती

इसके बाद महेश जोशी ने कहा कि वैसे तो इस योजना में क्योंकि केंद्र की ओर से बराबर की हिस्सेदारी होती है, ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच सामंजस्य भी बैठाना होता है और केंद्र से अनुमति लेनी पड़ती है. जिसमें समय भी लगता है, लेकिन इसके अलावा कहीं-कहीं अधिकारियों की परफॉर्मेंस के चलते भी काम में देरी हो रही है. इसलिए विभाग की ओर से परफॉर्मेंस सीट तैयार करवाई जा रही है, जिससे यह पता लगे कि कहां किस एक्सईएन ने कितना काम किया है और कितना बाकी है. महेश जोशी ने इस मामले में सही से काम नहीं कर रहे एक्सईएन पर कार्रवाई के भी संकेत (Action Signals on XEN) देते हुए कहा कि किसी क्षेत्र में काम आशा के अनुसार अधिकारी ने नहीं किया है तो उसे हटाने में सरकार कोई संकोच नहीं करेगी.

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