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Rajasthan Budget 2021: युवा-किसान-व्यवसायी...जानिए किस वर्ग को क्या-क्या हैं उम्मीदें

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार, 24 फरवरी को साल 2021-22 के लिये बजट पेश करेंगे. सरकार पर फिलहाल 33 हजार 218 करोड़ रूपए का कर्ज है. इस बार के बजट को लेकर संभावना है कि ये बजट मुख्य रूप से चिकित्सा, शिक्षा और कृषि पर समर्पित हो सकता है. ईटीवी भारत ने जयपुर में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया और इस बजट को लेकर उनकी उम्मीदों को जाना.

Rajasthan Budget 2021on 24 February, jaipur news
राजस्थान बजट से किस वर्ग को क्या-क्या हैं उम्मीदें...
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Published : Feb 23, 2021, 1:51 AM IST

Updated : Feb 24, 2021, 8:11 AM IST

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल 2021-22 के लिये बजट पेश करेंगे. अशोक गहलोत बुधवार, 24 फरवरी को विधानसभा में बजट भाषण पढ़ेंगे. बजट से पहले सीएम गहलोत ने विभिन्न वर्गों के साथ संवाद किया, तो अलग-अलग महकमों के अधिकारियों के साथ भी तफ्सील के साथ बातचीत की. गहलोत सरकार केंद्र सरकार के बजट से नाराजगी जता चुकी है. अगर सरकार के मौजूदा वित्तीय हालात की बात की जाये, तो मौजूदा वित्त वर्ष में राजस्व घाटे का 12 हजार 345 करोड़ रुपए का अनुमान रखा गया था, जो बढ़कर 27 हजार 607 करोड़ रुपए हो चुका है. बता दें कि सरकार पर फिलहाल 33 हजार 218 करोड़ रुपए का कर्ज है. इस बार के बजट को लेकर संभावना है कि ये बजट मुख्य रूप से चिकित्सा, शिक्षा और कृषि पर समर्पित हो सकता है. बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के बीच ईटीवी भारत ने जयपुर में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया और इस बजट को लेकर उनकी उम्मीदों को जाना.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-1

कोरोना महामारी के असर पर वार करने वाला हो बजट...

ईटीवी भारत के बजट संवाद में मौजूद प्रतिनिधियों ने संतुलित बजट की उम्मीद जताई हैं. कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था और राजस्व पर जितना बुरा असर हुआ है, उसे दूर करने के लिये सरकार की तरफ से प्रोत्साहन की बेहद जरूरत होगी. ऐसे में निवेश और रोजगार परख व्यवसाय को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. इन लोगों का मानना है कि सरकार बीते दो बजट का महज 30 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है. ऐसे में एक समावेशी बजट के जरिये इस बार अशोक गहलोत राजस्थान की जनता को राहत दे सकते हैं.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-2

ये हैं अहम उम्मीदें...

राजस्थान की आम जनता अपने मुख्यमंत्री से इस बजट में पूर्व हुए संवाद के दौरान उम्मीदों को जाहिर कर चुकी है. जाहिर है कि प्रदेश के लोगों ने आम बजट को दिलचस्पी वाला नहीं बताया था. ऐसे में इस बजट के दौरान वैट और ईबिल पर राहत भरी घोषणाओं का इंतजार रहेगा. नई योजनाओं के लिये अतिरिक्त धनराशि, उद्योगपतियों और कारोबारियों के लिये रियायतें, पर्यटन के क्षेत्र को पंख लगाने के लिये नजर-ओ-करम की उम्मीद की जा रही है.

किसानों को बड़ी उम्मीद...

बजट पूर्व संवाद के दौरान किसान नेता भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि इस बजट में सीएम गहलोत को खेती और किसानी के लिये विशेष घोषणाएं करनी चाहिए. खास तौर पर किसान को फेजवार सभी जिलों में दिन में बिजली देने की घोषणा करनी चाहिए. कृषि बिल और किसानों को दिये ऋणों में राहत देकर भी गहलोत सरकार उनका भला कर सकती है. किसान के लिये खेत में खाद-बीज के साथ-साथ बिजली और पानी की उपलब्धता जरूरी होती है. लिहाजा नहरी तंत्र की मजबूती पर जोर देने की जरूर होगी. चाहे मसला शेखावाटी में नहरी पानी का हो या फिर इंदिरा गांधी नगर के टेल एंड पर पानी की बाट जोहते किसान को राहत देने का, गहलोत सरकार को इस दिशा में कदम उठाना ही होगा.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-3

बजट से आस : अल्पसंख्यक समुदाय ने उठाया उर्दू तालीम, मदरसा पैरा टीचर्स और महंगाई का मुद्दा

महिला सुरक्षा, साइबर सिक्योरिटी समेत तमाम उम्मीदें...

अशोक गहलोत सरकार के आने वाले बजट में हर सेक्टर को कोविड इफेक्ट का शिकार माना जा रहा है. ऐसे में उद्योग और कारोबार जगत सरकार से वैट में एमनेस्टी स्कीम को लेकर सरकार की तरफ निगाह टिकाये बैठा हुआ है. प्रमुख उद्यमियों का कहना है कि सरकार को प्रति किलो वॉट बिजली के स्थायी शुल्क में राहत देकर उद्योगों को मदद करनी चाहिए, ताकि वे आसानी से कारोबार के घाटे का निवारण कर सके. इसी तरह से रेवेन्यू और इंफ्रा को लेकर भी वन नेशन-वन टैरिफ के आधार पर बिजली की दरों का तय किया जाना, जीएसटी के प्रावधानों में खामियों को दूर करवाने के प्रयास, ई-वे बिल के प्रावधानों को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख तक किये जाने की मांग सामने आई है. इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में रियायतों के जरिये राहत की मांग भी जोर से उठी.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-4

इनका कहना था कि सरकार ट्यूरिज्म के जरिये रोजगार को पटरी पर ला सकती है. एक सैलानी राजस्थान आकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक दर्जन लोगों को रोजगार मुहैया कराता है, तो रियल एस्टेट कारोबारियों ने स्टांप ड्यूटी में राहत दिये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार को डीएलसी दरों में भी कमी लानी चाहिए. वहीं, कर्मचारी वर्ग ने नई सरकारी भर्तियों को शुरू करने के साथ ही अटकी पड़ी भर्तियों का रास्ता जल्द निकलवाने की मांग की. महिला कारोबारियों ने महिला सुरक्षा और सायबर सिक्योरिटी के साथ-साथ नये आंत्रप्रोयनोर के उत्साहवर्धन के लिये रियायते, महिला उद्यमियों के लिये छूट की मांग की. सभी वर्गों ने सरकार के कर्ज के लिये सुगमता का मार्ग बनाने की सरकार से मांग की. इस चर्चा में फिक्की फ्लो की फाउंडर नीता बूछरा, स्टार्टअप कारोबारी शरद शर्मा, अर्थशास्त्री डॉक्टर पूनम मदान, रियल एस्टेट कारोबारी सुरेन्द्र खंडेलवाल, कर्मचारी संघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह, चार्टेड अकाउंटेट महेन्द्र मोदी, किसान नेता भंवर सिंह, पर्यटन कारोबारी संजय कौशिक और कर्मचारी नेता राजेन्द्र सिंह ने भाग लिया.

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल 2021-22 के लिये बजट पेश करेंगे. अशोक गहलोत बुधवार, 24 फरवरी को विधानसभा में बजट भाषण पढ़ेंगे. बजट से पहले सीएम गहलोत ने विभिन्न वर्गों के साथ संवाद किया, तो अलग-अलग महकमों के अधिकारियों के साथ भी तफ्सील के साथ बातचीत की. गहलोत सरकार केंद्र सरकार के बजट से नाराजगी जता चुकी है. अगर सरकार के मौजूदा वित्तीय हालात की बात की जाये, तो मौजूदा वित्त वर्ष में राजस्व घाटे का 12 हजार 345 करोड़ रुपए का अनुमान रखा गया था, जो बढ़कर 27 हजार 607 करोड़ रुपए हो चुका है. बता दें कि सरकार पर फिलहाल 33 हजार 218 करोड़ रुपए का कर्ज है. इस बार के बजट को लेकर संभावना है कि ये बजट मुख्य रूप से चिकित्सा, शिक्षा और कृषि पर समर्पित हो सकता है. बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के बीच ईटीवी भारत ने जयपुर में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया और इस बजट को लेकर उनकी उम्मीदों को जाना.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-1

कोरोना महामारी के असर पर वार करने वाला हो बजट...

ईटीवी भारत के बजट संवाद में मौजूद प्रतिनिधियों ने संतुलित बजट की उम्मीद जताई हैं. कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था और राजस्व पर जितना बुरा असर हुआ है, उसे दूर करने के लिये सरकार की तरफ से प्रोत्साहन की बेहद जरूरत होगी. ऐसे में निवेश और रोजगार परख व्यवसाय को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. इन लोगों का मानना है कि सरकार बीते दो बजट का महज 30 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है. ऐसे में एक समावेशी बजट के जरिये इस बार अशोक गहलोत राजस्थान की जनता को राहत दे सकते हैं.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-2

ये हैं अहम उम्मीदें...

राजस्थान की आम जनता अपने मुख्यमंत्री से इस बजट में पूर्व हुए संवाद के दौरान उम्मीदों को जाहिर कर चुकी है. जाहिर है कि प्रदेश के लोगों ने आम बजट को दिलचस्पी वाला नहीं बताया था. ऐसे में इस बजट के दौरान वैट और ईबिल पर राहत भरी घोषणाओं का इंतजार रहेगा. नई योजनाओं के लिये अतिरिक्त धनराशि, उद्योगपतियों और कारोबारियों के लिये रियायतें, पर्यटन के क्षेत्र को पंख लगाने के लिये नजर-ओ-करम की उम्मीद की जा रही है.

किसानों को बड़ी उम्मीद...

बजट पूर्व संवाद के दौरान किसान नेता भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि इस बजट में सीएम गहलोत को खेती और किसानी के लिये विशेष घोषणाएं करनी चाहिए. खास तौर पर किसान को फेजवार सभी जिलों में दिन में बिजली देने की घोषणा करनी चाहिए. कृषि बिल और किसानों को दिये ऋणों में राहत देकर भी गहलोत सरकार उनका भला कर सकती है. किसान के लिये खेत में खाद-बीज के साथ-साथ बिजली और पानी की उपलब्धता जरूरी होती है. लिहाजा नहरी तंत्र की मजबूती पर जोर देने की जरूर होगी. चाहे मसला शेखावाटी में नहरी पानी का हो या फिर इंदिरा गांधी नगर के टेल एंड पर पानी की बाट जोहते किसान को राहत देने का, गहलोत सरकार को इस दिशा में कदम उठाना ही होगा.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-3

बजट से आस : अल्पसंख्यक समुदाय ने उठाया उर्दू तालीम, मदरसा पैरा टीचर्स और महंगाई का मुद्दा

महिला सुरक्षा, साइबर सिक्योरिटी समेत तमाम उम्मीदें...

अशोक गहलोत सरकार के आने वाले बजट में हर सेक्टर को कोविड इफेक्ट का शिकार माना जा रहा है. ऐसे में उद्योग और कारोबार जगत सरकार से वैट में एमनेस्टी स्कीम को लेकर सरकार की तरफ निगाह टिकाये बैठा हुआ है. प्रमुख उद्यमियों का कहना है कि सरकार को प्रति किलो वॉट बिजली के स्थायी शुल्क में राहत देकर उद्योगों को मदद करनी चाहिए, ताकि वे आसानी से कारोबार के घाटे का निवारण कर सके. इसी तरह से रेवेन्यू और इंफ्रा को लेकर भी वन नेशन-वन टैरिफ के आधार पर बिजली की दरों का तय किया जाना, जीएसटी के प्रावधानों में खामियों को दूर करवाने के प्रयास, ई-वे बिल के प्रावधानों को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख तक किये जाने की मांग सामने आई है. इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में रियायतों के जरिये राहत की मांग भी जोर से उठी.

राजस्थान बजट 2021 पर परिचर्चा...पार्ट-4

इनका कहना था कि सरकार ट्यूरिज्म के जरिये रोजगार को पटरी पर ला सकती है. एक सैलानी राजस्थान आकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक दर्जन लोगों को रोजगार मुहैया कराता है, तो रियल एस्टेट कारोबारियों ने स्टांप ड्यूटी में राहत दिये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार को डीएलसी दरों में भी कमी लानी चाहिए. वहीं, कर्मचारी वर्ग ने नई सरकारी भर्तियों को शुरू करने के साथ ही अटकी पड़ी भर्तियों का रास्ता जल्द निकलवाने की मांग की. महिला कारोबारियों ने महिला सुरक्षा और सायबर सिक्योरिटी के साथ-साथ नये आंत्रप्रोयनोर के उत्साहवर्धन के लिये रियायते, महिला उद्यमियों के लिये छूट की मांग की. सभी वर्गों ने सरकार के कर्ज के लिये सुगमता का मार्ग बनाने की सरकार से मांग की. इस चर्चा में फिक्की फ्लो की फाउंडर नीता बूछरा, स्टार्टअप कारोबारी शरद शर्मा, अर्थशास्त्री डॉक्टर पूनम मदान, रियल एस्टेट कारोबारी सुरेन्द्र खंडेलवाल, कर्मचारी संघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह, चार्टेड अकाउंटेट महेन्द्र मोदी, किसान नेता भंवर सिंह, पर्यटन कारोबारी संजय कौशिक और कर्मचारी नेता राजेन्द्र सिंह ने भाग लिया.

Last Updated : Feb 24, 2021, 8:11 AM IST
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