जयपुर. प्रदेश में हाइवे पर होने वाले सड़क हादसों की एक वजह वाहनों की तेज रफ्तार और ओवरटेक कर आगे निकलने की होड़ है. जिसमें रोजाना कई लोगों की जान चली जाती है. इसको ध्यान में रखकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के इलाके में आने वाले तमाम प्रमुख हाइवे पर ओवर स्पीड वाहनों पर कार्रवाई के लिए यातायात पुलिस के बेड़े में 10 नई इंटरसेप्टर गाड़ियां शामिल की जा रही हैं. हाईटेक गाड़ियों की मदद से यातायात पुलिसकर्मी हाइवे पर तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाने वाले चालकों पर कार्रवाई कर सकेंगे. इन गाड़ियों में लगे सेंसरयुक्त कैमरे की मदद से गाड़ी के भागने पर भी उसकी फोटो और वीडियो के जरिए चालक को घर पर चालान भेजकर कार्रवाई की जा सकेगी.
पिछले डेढ़ साल में वसूले 7.35 करोड़: जयपुर में यातायात पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले करीब 80 हजार वाहन चालकों पर पिछले डेढ़ साल में ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. जिसमें करीब 7 करोड़ 35 लाख रुपए का जुर्माना चालान कर वसूला गया है.सर्वाधिक कार्रवाई ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध की गई. जयपुर यातायात पुलिस के एडिशनल डीसीपी मुस्तफा अली जैदी ने बताया कि ज्यादातर हादसे हाइवे पर ओवर स्पीड की वजह से हो रहे है. ओवर स्पीड वाहनों पर कार्रवाई के लिए इस वक्त जयपुर ट्रैफिक पुलिस के पास 13 इंटरसेप्टर गाड़ियां है, जो पुरानी हो गई हैं. अब तकनीक भी नई आ गई है, ऐसे में अब 10 नई इंटरसेप्टर गाड़ियों को यातायात पुलिस के बेड़े में जल्द शामिल किया जाएगा.
हाईटेक होंगे नए इंटरसेप्टर: ओवर स्पीडिंग के चलते होने वाले सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जयपुर यातायात पुलिस के बेड़े में जो नई इंटरसेप्टर गाड़ियां शामिल होने जा रही हैं वह बेहद हाईटेक होंगी. इनमें साउंड मीटर, स्पीड रडार सहित अन्य कई तकनीकी सुविधाएं होंगी. इन गाड़ियों में लगे हाईटेक कैमरों की मदद से 800 मीटर से 1 किलोमीटर की दूरी से ही यातायात पुलिसकर्मी वाहनों की स्पीड को भांप लेंगे और करीब 500 मीटर पर नंबर प्लेट देख लेंगे. ऐसे में पुलिसकर्मी दूर से ही इन वाहनों को रुकने का ईशारा कर चालान की कार्रवाई कर सकेंगे.