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जयपुर : नये कोरोना वायरस की जांच के लिए जीन सिक्वेंसी की कवायद में जुटा SMS मेडिकल कॉलेज...

कोरोना के नए स्ट्रेन के बीच एसएमएस अस्पताल एक और पहल शुरू करने जा रहा है. अब कोरोना के नए स्ट्रेन की जांच के लिए सैंपल को बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज एसएमएस जीन सिक्वेंसी की कवायद में जुट गया है.

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एसएमएस अस्पताल...
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Published : Dec 30, 2020, 10:36 PM IST

जयपुर. कोरोना के नए स्ट्रेन की चिंताओं के बीच एसएमएस अस्पताल कोरोना की जीन सिक्वेंसी की कवायद में जुटा है. दावा किया जा रहा है कि तीन-चार सप्ताह में जीन सिक्वेंसी की जांच का काम शुरू हो जाएगा. इसके बाद कोरोना नए स्ट्रेन के सैंपल बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नए स्ट्रेन को लेकर मचे बवाल के बीच एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने केंद्र से जीन सिक्वेंसी की अनुमति मांगी है और प्रशिक्षण का आग्रह किया है.

पढ़ें: जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे RO प्लांट...PHED विभाग भी नहीं दे रहा ध्यान

करीब 1 करोड रुपए से अधिक लागत की जीन सिक्वेंसर मशीन कॉलेज में मौजूद है. इसके साथ ही जीन सिक्वेंसी के लिए अलग से डेडीकेटेड लैब भी लगभग बनकर तैयार है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी और माइक्रोबायोलॉजी हेड डॉ. नित्या व्यास का दावा किया है कि अगले तीन चार सप्ताह में एसएमएस में जीन सिक्वेंसी की जांच का काम शुरू हो जाएगा. इसके बाद कोरोना के किसी भी नए स्ट्रेन की जांच के लिए सेम्पल बाहर नही भेजने पड़ेंगे.

पढ़ें: कोराना ने बेकरी कारोबार पर फेरा पानी... केक बिना न्यू ईयर सेलिब्रेशन बेमानी

नए स्ट्रेन की जांच रिपोर्ट में भी तत्काल मिलेगी, जिससे काफी हद तक स्प्रेड रोकने में सफलता मिलेगी. बता दें कि कोरोना का बदला हुआ रूप स्ट्रेन खतरनाक वायरस है और जल्दी से व्यक्ति में फैलता है. स्ट्रेन की सूचना के बाद प्रदेश का चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड़ पर है.

जयपुर. कोरोना के नए स्ट्रेन की चिंताओं के बीच एसएमएस अस्पताल कोरोना की जीन सिक्वेंसी की कवायद में जुटा है. दावा किया जा रहा है कि तीन-चार सप्ताह में जीन सिक्वेंसी की जांच का काम शुरू हो जाएगा. इसके बाद कोरोना नए स्ट्रेन के सैंपल बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नए स्ट्रेन को लेकर मचे बवाल के बीच एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने केंद्र से जीन सिक्वेंसी की अनुमति मांगी है और प्रशिक्षण का आग्रह किया है.

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करीब 1 करोड रुपए से अधिक लागत की जीन सिक्वेंसर मशीन कॉलेज में मौजूद है. इसके साथ ही जीन सिक्वेंसी के लिए अलग से डेडीकेटेड लैब भी लगभग बनकर तैयार है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी और माइक्रोबायोलॉजी हेड डॉ. नित्या व्यास का दावा किया है कि अगले तीन चार सप्ताह में एसएमएस में जीन सिक्वेंसी की जांच का काम शुरू हो जाएगा. इसके बाद कोरोना के किसी भी नए स्ट्रेन की जांच के लिए सेम्पल बाहर नही भेजने पड़ेंगे.

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नए स्ट्रेन की जांच रिपोर्ट में भी तत्काल मिलेगी, जिससे काफी हद तक स्प्रेड रोकने में सफलता मिलेगी. बता दें कि कोरोना का बदला हुआ रूप स्ट्रेन खतरनाक वायरस है और जल्दी से व्यक्ति में फैलता है. स्ट्रेन की सूचना के बाद प्रदेश का चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड़ पर है.

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