जयपुर. प्रदेश में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड की ओर से 50 नई मिडी बसों का संचालन शुरू किया है. इन बसों को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. वहीं, नई बसों के जुड़ने से जेसीटीएसएल के बेड़े में अब 250 बसें हो गई हैं. ये बसें जयपुर की चारदिवारी में भी चलेंगी.
बता दें कि यूडीएच मंत्री ने आगरा रोड पर बगराना डिपो का भी लोकार्पण किया. साथ ही प्रवास एप्लीकेशन की भी शुरुआत की. इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने बताया कि नई बसों के संचालन से यात्रियों को लाभ मिलेगा और स्मार्ट सिटी लिमिटेड से मिले 25 करोड़ के फंड से जल्द 100 नई बसें और खरीदी जाएंगी.
इन बसों में 30 एसी और 70 सामान्य बसें होंगी और ये बसें भी मिडी बसें होंगी. इसके साथ ही बगराना में जिस डिपो का लोकार्पण किया गया है. वहां 118 बसों को पार्क किया जा सकेगा. इस डिपो को स्वायत्त शासन विभाग की स्वीकृति पर जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से आवंटित की गई 10 बीघा जमीन पर 16.75 करोड़ की लागत से बनाया गया है.
पढ़ें: ABVP ने राजस्थान विश्वविद्यालय में लगाएं कुलपति लापता होने के पोस्टर, 13वें दिन भी जारी रहा धरना
खास बात यहां ये है कि डिपो में बसों को धोने के लिए 3डी बस वॉशिंग प्लांट लगाया गया है. जिसके तहत गंदे पानी को रिसाइकिल भी किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से जुलाई तक 100 इलेक्ट्रिक बस जेसीटीएसएल से जुड़ेंगी. साथ ही ये भी स्पष्ट किया की, नई डीजल बसें बीएस 6 टेक्नोलॉजी की है. जिससे प्रदूषण की समस्या नहीं रहेगी.
इन रूट्स पर चलेंगी नई मिडी बसें..मार्ग संख्या और मार्ग बसों की संख्या
- 3A छोटी चौपड़ से सांगानेर 15 बसें
- 1A ट्रांसपोर्ट नगर से वीकेआई 177 बसें
- 33 गलता से गिरधारीपुरा 7 बसें
- 10B गलता से निवारू 6 बसें
- AC-6 जवाहर नगर से खिरणी फाटक पुलिया 9 बसें
- AC-7 बड़ी चौपड़ से इंदिरा गांधी नगर 6 बसें
वहीं, बसों का सफर भी हाईटेक किया जा रहा है. प्रवास ऐप का लोकार्पण करते हुए यूडीएच मंत्री ने बताया कि इससे यात्री अपनी यात्रा के अनुसार नजदीकी बस स्टॉप, बस की लोकेशन और यात्रा के अन्य विकल्पों का चयन भी कर पाएंगे. इसके साथ ही इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी लागू किया जा रहा है. बता दें कि वर्ष 2008 में जयपुर शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा को बेहतर बनाने के लिए जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड का गठन किया गया था. जिसमें जेडीए की 40 फीसदी, नगर निगम की 40 फीसदी और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की 20 फीसदी हिस्सेदारी है.