जयपुर. दौसा एसपी द्वारा किए गए तबादलों को निरस्त करने के प्रकरण पर आईजी जयपुर रेंज एस सेंगाथिर ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि दौसा एसपी द्वारा किए गए तबादले नियम के विरुद्ध थे, जिसके चलते ही उन्हें निरस्त किया गया है. आचार संहिता लागू होने के बाद तबादले नहीं किए जा सकते हैं और तबादला करने से पहले आला अधिकारियों की अनुमति लेनी आवश्यक होती है, लेकिन दौसा एसपी द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. जिसके चलते पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के आधार पर दौसा एसपी द्वारा किए गए तबादलों को निरस्त किया गया है.
आईजी जयपुर रेंज एस सेंगाथिर ने बताया कि दौसा एसपी मनीष अग्रवाल द्वारा आचार संहिता लागू होने के बाद प्रक्रिया नहीं अपनाकर 21 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया, जो कि नियम के विरुद्ध था और इसके बारे में उच्चाधिकारियों की मंजूरी भी नहीं ली गई. पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस संबंध में एक आदेश निकाले गए हैं कि आचार संहिता से पहले पुलिस मुख्यालय की जानकारी में लाए बिना जिला पुलिस अधीक्षकों द्वारा किए गए तबादलों को निरस्त किया जाए.
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आईजी जयपुर रेंज ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिसकर्मियों का तबादला करने की कोई भी जरूरत नहीं थी और यदि तबादला करना ही था, तो वह नियम के अनुसार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाकर किया जा सकता था. दौसा एसपी द्वारा तबादलों के प्रकरण में ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया, जिसके चलते तबादलों को निरस्त किया गया है. इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस मुख्यालय द्वारा दौसा एसपी से जवाब भी मांगा गया है. आईजी द्वारा तबादलों को निरस्त करने के बाद दौसा एसपी द्वारा बयान बाजी भी की गई, जिसे लेकर पुलिस मुख्यालय द्वारा विभागीय एक्शन भी लिया जा सकता है.