जयपुर. कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बढ़ते खतरे के बीच शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के बाद अब राजस्थान विश्वविद्यालय ने वार्षिक परीक्षा करवाने की तैयारी कर ली है. परीक्षा का पेपर इस बार तीन की बजाए दो घंटे का होगा. जबकि, परीक्षार्थियों को 60 फीसदी पर्चा ही हल करना होगा. ऐसे में यह राजस्थान विश्वविद्यालय के परीक्षार्थियों के लिए राहत भरी खबर कही जा सकती है.
जानकारी के अनुसार, राजस्थान विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके अनुसार, विश्वविद्यालय की परीक्षा में पेपर के कुल पूर्णांक में से सिर्फ 60 फीसदी अंकों के प्रश्न ही हल करने होंगे. परीक्षक की ओर से मूल्यांकित किए गए 60 फीसदी अंकों को 100 फीसदी में परिवर्तित करते हुए परिणाम जारी किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर अधिकतम अंक सीमा 100 है, तो संशोधित अंक सीमा 60 और अधिकतम अंक 80 है तो संशोधित अंक सीमा 48 होगी. इसी तरह यदि अधिकतम अंक 50 होने पर संशोधित अंक सीमा 30 होगी. कोरोना काल से पहले पेपर हल करने के लिए 3 घंटे का समय मिलता था. लेकिन, इस बार इस समयावधि को घटाकर 2 घंटे कर दिया गया है. जबकि, पेपर यूनिट के हिसाब से हल करने की बाध्यता नहीं होगी.
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बता दें कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी विश्वविद्यालयों को सुझाव भेजे थे. इनके अनुसार, प्रायोगिक परीक्षाएं, नॉन कॉलेजिएट एवं डिप्लोमा की परीक्षा 15 अप्रैल से और नियमित विद्यार्थियों की परीक्षा 15 मई से शुरू की जा सकती है. जबकि, अंतिम वर्ष की परीक्षा 15 मई से पहले करवाने और अंतिम वर्ष का परिणाम 31 जुलाई तक जारी करने के भी निर्देश शिक्षा विभाग ने दिए हैं.