जयपुर. त्योहारी सीजन को देखते हुए ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा की रोकथाम के लिए जयपुर रेल मंडल प्रबंधक नरेंद्र के नेतृत्व में टिकट चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. रेलवे अधिकारियों ने टिकट चेकिंग में सख्ती के निर्देश दिए हैं. जयपुर रेल मंडल ने टिकट चेकिंग अभियान के दौरान एक करोड़ 55 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया है.
उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मंडल की ओर से ट्रेनों और स्टेशनों पर टिकट चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. अक्टूबर महीने में टिकट चेकिंग अभियान के तहत जयपुर रेल मंडल के रेल मार्गों पर विभिन्न ट्रेनों और स्टेशनों पर चेकिंग की गई. चेकिंग के दौरान 31,827 लोगों के खिलाफ अनाधिकृत टिकट या बिना बुकिंग लगेज के साथ यात्रा करने के मामले दर्ज किए गए हैं. टिकट चेकिंग अभियान के दौरान ट्रेनों में साधारण चेकिंग के अलावा स्टेशनों पर किलेबंदी करके भी टिकट चेकिंग की गई.
पढ़ें. Gold and Silver Price Today: सोने और चांदी के दामों में उछाल...जानें क्या है आज के दाम
जयपुर रेल मंडल ने टिकट चेकिंग अभियान में जुर्माने और अतिरिक्त किराए के रूप में एक करोड़ 55 लाख 31 हजार 246 रुपए का राजस्व प्राप्त किया है. इसमें मुख्य रूप से टीटीई की ओर से ट्रेन में सामान्य टिकट चेकिंग के दौरान पाई जाने वाली अनियमितताओं और विशेष चेकिंग दस्ते की ओर से किए गए निरीक्षण के साथ टीसी की ओर से स्टेशनों पर की गई टिकट चेकिंग भी शामिल है.
टीसीआई नेतराम मीणा ने 1568 लोगों को पकड़ा है. इनसे 8,51,995 रुपये का जुर्माना वसूला गया. टीटी जेके शर्मा ने 525 मामलों से 2,28,210 का राजस्व प्राप्त किया जो कि टिकट चेकिंग के विभिन्न वर्गों में सर्वाधिक है. रेलवे प्रशासन की ओर से ऐसे कर्मचारियों के प्रोत्साहन के लिए समय-समय पर पुरस्कार और सम्मानित भी किया जाता है.
पढ़ें. मंत्रालयिक कर्मचारियों का आंदोलन जारी, आमरण अनशन पर बैठे मनोज पारीक की तबीयत खराब, अस्पताल में भर्ती
टिकट चेकिंग में अनाधिकृत टिकट या बिना बुक किए लगेज के अलावा बिना जुर्माने के जैसे टिकट को उच्च श्रेणी में परिवर्तित करवाने के मामलों से भी रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होती है. अक्टूबर 2021 में ऐसे 2909 प्रकरणों से रेलवे के जयपुर मंडल को 4,74,770 रुपये की आय हुई है. इनके अलावा रेल अधिनियम के विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के मामलों में भी जुर्माना वसूला जाता है. अक्टूबर महीने में ऐसे मामलों में और बिना मास्क स्टेशन या ट्रेन में प्रवेश करने के 1410 मामले दर्ज किए गए. इनसे कुल 1,89,885 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है.