जयपुर. बेरोजगार युवाओं को साइबर ठग (Cyber thug) नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे हैं. अगर किसी के पास नौकरी के लिए ईमेल या सोशल साइट पर मैसेज आता है तो सावधान हो जाएं. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की साइबर थाना पुलिस ने नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने के मामले में आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी के अकाउंट में करीब 18 लाख रुपए ठगी की राशि का लेनदेन हुआ है. पुलिस ने ठगी के मामले में दिल्ली निवासी रमन को गिरफ्तार किया है.
पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी रमन ने पीड़ित को नौकरी दिलवाने के नाम पर अलग-अलग चार्जेज के नाम पर रुपए अलग खाते में जमा करवा लिए जाते थे. आरोपी के बैंक खातों का की जांच पड़ताल की गई, तो उसमें करीब 18 लाख रुपये रुपयों के लेन-देन की जानकारी प्राप्त हुई है. आरोपी फर्जी आईडी से सिम जारी करवा कर अलग-अलग स्थान बदलकर लोगों से धोखाधड़ी करता है. ठगे गए अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में एसीपी चिरंजीलाल और साइबर थाना अधिकारी सत्यपाल यादव के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.
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डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के मुताबिक नौकरी के नाम पर फर्जी लिंक वेबसाइट के माध्यम से ठगी करने वालों के खिलाफ और सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर ठगी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया है. पीड़ित ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि मेल आईडी पर एक ईमेल आया था. जिसमें लिखा था कि हिंदुस्तान युनिलीवर लिमिटेड कंपनी में एचआर हूं. आपका हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड कंपनी में सहायक प्रबंधक के पद पर चयन हो गया है. आपको अपने दस्तावेज और प्रोसेसिंग फीस सिक्योरिटी चार्जेस के लिए कुछ रुपए जमा करवाने होंगे. इसके बाद आपको इस पद पर नियुक्ति दी जाएगी. इस ईमेल के प्राप्त होने पर पीड़ित ने करीब 2.77 लाख रुपये आरोपी के खाते में जमा करवा दिए.
इस मामले में साइबर थाना पुलिस की स्पेशल टीम ने तकनीकी आधार पर जानकारी जुटाते हुए आरोपी रमन को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान और भी कई खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है.