जयपुर. ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना हमारी आदत का हिस्सा बन चुका है. ऐसे में रेस्टोरेंट और होटल से खाना मंगवाने के लिए ऑनलाइन फूड ऐप्स का उपयोग करते हैं. कड़ाके की ठंड हो या फिर भीषण गर्मी, यहां तक की तेज आंधी-तूफान और बारिश जैसी मुश्किलों को भी पार कर फूड डिलीवरी ब्वॉय ऑर्डर घर-घर डिलीवर करते हैं. लेकिन, पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के चलते अब इन्हें अपने परिवार के पेट भरने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. देखें ये खास रिपोर्ट
पेट्रोल में ही फूंक रही कमाई...
पेट्रोल के 100 के आंकड़े को छूते ही ऑनलाइन फूड डिलीवरी से जुड़े लोगों के घर का बजट गड़बड़ाने लगा है. फूड डिलीवरी से जुड़े लोगों को पहले के मुकाबले ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं और जो मिल भी रहे हैं, उससे मिली पूंजी घर खर्च में कम, पेट्रोल में ही फूंक दी जाती है. डिलीवरी ब्वॉय भरत कुमार ने बताया कि उछाल मारती पेट्रोल की कीमतों की वजह से उनके काम पर बहुत असर पड़ा है. पहले जहां एक ऑर्डर के मिनिमम 40 रुपये मिलते थे, अब उस ऑर्डर के 18 से 20 रुपये ही मिलते है. दो महीने पहले रोजाना 1000 रुपये की कमाई कर घर लौटते थे और अब सिर्फ 600-700 रुपये की ही कमाई हो पाती है, उसमें भी पेट्रोल का 300 से 350 रुपये का खर्च अलग से निकालना पड़ता है. अब उनका मेहनताना बिल्कुल आधा हो चुका है. जहां कोरोना के बाद तरक्की होनी चाहिए थी, वहां पेट्रोल की कीमतों की वजह से उनका डिमोशन हो रहा है. यानी एवरेज के हिसाब से एक ऑर्डर के पीछे 20 रुपये कमाने के लिए भी पसीना बहाना पड़ रहा है.
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कमाई घटी, मुश्किलें बढ़ी...
फूड डिलीवरी करने वाले भूपेंद्र ने बताया कि पहले वो प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन लॉकडाउन में जॉब चली गई. जिसके बाद अच्छी कमाई की उम्मीद से फूड डिलीवरी का काम शुरू किया. पहले अच्छी इनकम होती थी, लेकिन जितना पहले बचता था, उतना अब नहीं बचता है. पहले जहां दिनभर 9 घंटे काम करने पर 1000 से 1200 रुपये की कमाई होती थी, वहां अब सिर्फ 500 से 600 रुपये ही बचते है. उनका कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं, उसकी वजह से उन्हें काम करने में दिक्कतें आ रही हैं. पहले के मुकाबले ऑर्डर भी कम आ रहे हैं, जिसकी वजह से बिना कमाई घर खर्च भी चलाना मुश्किल हो गया है. हालांकि, कंपनी की ओर से उन्हें रियायत के तौर पर रेट कार्ड में बदलाव कर 5 किलोमीटर के अंदर के ऑर्डर पर 20 रुपये किए हैं, जबकि पहले 15 रुपये थे. लेकिन, यह भी काफी कम राशि है.
बहरहाल, पहले जहां लॉकडाउन ने लाखों युवाओं के रोजगार को छीना तो अब फूड डिलीवरी का काम करने वाले हजारों डिलीवरी ब्वॉय ईंधन की कीमतों में वृद्धि के प्रत्यक्ष शिकार हो रहे हैं. यदि पेट्रोल की कीमत ऐसे ही आसमान छूती रही तो इनका जीना मुहाल हो जायेगा.