जयपुर. राजधानी में जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं ने मंगलवार को राजस्थान इंजीनियर्स एकता मंच के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर डीपीसी करने की मांग की. बता दें कि प्रदर्शन कर रहे जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं ने कहा कि कनिष्ठ अभियंता सिविल (डिग्री) से सहायक अभियंता सिविल (डिग्री) पद की अंतिम बार साल 2014-15 को डीपीसी की गई थी. विभाग में साल 2014-15 के बाद पिछले 5 सालों से सहायक अभियंता सिविल (डिग्री) की डीपीसी नहीं की गई है.
जल संसाधन विभाग में कार्यरत 124 नियमित नियुक्त कनिष्ठ अभियंता (सिविल और डिग्री) कार्यरत हैं, जो कि सहायक अभियंता पद की साल 2018-19 की डीपीसी में पदोन्नति के लिए योग्यता रखते हैं और विचरण सीमा के अंदर आ रहे हैं. फिर भी उनकी पदोन्नति नहीं हो पा रही है. कनिष्ठ अभियंताओ ने बताया कि डीपीसी नहीं होने के कारण उन्हें मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है और उनके अधिकारों पर कुठाराघात भी हो रहा है. कनिष्ठ अभियंताओं ने बताया कि राजस्थान के सभी निर्माण विभाग में अभियंताओं की डीपीसी हो चुकी है. जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं की डीपीसी रुकी हुई है.
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इससे पहले भी प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन विभाग को इसके बारे में अवगत करा कर ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई इस मामले में नहीं हुई है. प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ अभियंताओं ने साफ कर दिया है कि उनका धरना प्रदर्शन मांग नहीं माने जाने तक जारी रहेगा. यदि उन्हें धरना स्थल पर ही दिवाली मनानी पड़ी तो वे धरना स्थल पर ही दीवाली मनाएंगे. इस दौरान नंदराम गुर्जर, दयाराम चौधरी, युधिष्ठिर मीणा मौजूद रहे.