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मौसम से मिली बिजली संकट में राहत, लेकिन अब भी बंद हैं 4000 मेगावाट की 10 इकाइयां...ऊर्जा मंत्री पहुंचे दिल्ली

राजस्थान में मौसम की मेहरबानी के चलते बिजली की कमी का संकट तो काफी हद तक थम गया, लेकिन आज भी कोयले की कमी सहित अन्य तकनीकी खामियों के चलते प्रदेश की 4000 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली 10 यूनिट बंद पड़ी हैं. जबकि ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए दिल्ली में कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात करेंगे.

power supply in rajasthan
मौसम से मिली बिजली संकट में राहत लेकिन...
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Published : Sep 7, 2021, 4:05 PM IST

जयपुर. कुछ दिनों पहले तक राजस्थान में मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति बेहद कम थी, जिसके चलते ग्रामीण इलाकों सहित कुछ शहरी इलाकों में भी अघोषित बिजली की कटौती की जा रही थी. लेकिन बीते 1 सप्ताह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में बरसात के कारण बिजली की मांग में कमी आई है. जिसके चलते बिजली संकट के इस दौर में डिस्कॉम और उत्पादन निगम ने राहत की सांस ली है. वर्तमान में प्रदेश में करीब 2550 लाख यूनिट की डिमांड है और विभिन्न माध्यमों से इसकी आपूर्ति भी की जा रही है.

प्रदेश में उत्पादन निगम की यह इकाइयां हैं बंद : छबड़ा की 660 मेगावाट (प्रत्येक) क्षमता वाली दो इकाइयां बंद हैं. इसी तरह सूरतगढ़ में 250 मेगावाट (प्रत्येक) की क्षमता वाली 6 इकाइयां फिलहाल बंद हैं. झालावाड़ में 600 मेगावाट की एक यूनिट और कालीसिंध में भी 600 मेगावाट की एक यूनिट में उत्पादन फिलहाल बंद है. हालांकि, कालीसिंध में तकनीकी कारणों से एक इकाई बंद होने की बात सामने आ रही है. वहीं, अधिकतर उत्पादन इकाइयां कोयले की कमी के चलते बंद की गई हैं.

पढ़ें : कांग्रेस के 'जयचंद' बिक गए, लेकिन वे जान लें- राजनीति में मुर्दे दफन नहीं होते...उखाड़े जाते हैं : चांदना

कोल इंडिया से मिल रहा 6 से 7 रैक कोयला प्रतिदिन : प्रदेश में फिलहाल कोल इंडिया के जरिए 6 से 7 रैक कोयला प्रतिदिन आपूर्ति हो रही है. वहीं, 10 रैक कोयला अन्य माध्यमों से राजस्थान को मिल रहा है. हालांकि, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने पिछले दिनों केंद्रीय कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा कर राजस्थान को प्रतिदिन 11 से 12 रैक कोयले की डिमांड की थी, लेकिन कोल इंडिया से इतनी आपूर्ति अब तक संभव नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि कोल इंडिया की खदानों में भी बरसात के चलते पानी भरा हुआ है. वहीं, कोयला बरसात में खाली करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

3 दिन में बढ़ गई 250 लाख यूनिट बिजली की डिमांड : प्रदेश में मौसम में बदलाव के साथ ही बिजली की डिमांड में भी उतार-चढ़ाव आ रहा है. पिछले 3 दिन में तापमान के बढ़ने और कई जिलों में बरसात नहीं होने के कारण बिजली की डिमांड में 250 लाख यूनिट तक की बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में 2550 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन की डिमांड है.

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला पहुंचे दिल्ली, करेंगे कोयला मंत्री से मुलाकात : इस मसले पर दिल्ली में मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से भी मुलाकात करेंगे और राजस्थान में कोयला आपूर्ति को लेकर आ रही समस्याओं को रखकर उसके समाधान की मांग करेंगे. खास तौर पर राजस्थान को कॉल इंडिया के जरिए प्रतिदिन 11 से 12 रैक कोयला मिल सके, इसकी मांग की जाएगी.

हालांकि, दिल्ली दौरे के दौरान मंत्री कल्ला ने राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाकात की और उनके साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात कर बीकानेर में रेलवे फाटक से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा की थी.

जयपुर. कुछ दिनों पहले तक राजस्थान में मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति बेहद कम थी, जिसके चलते ग्रामीण इलाकों सहित कुछ शहरी इलाकों में भी अघोषित बिजली की कटौती की जा रही थी. लेकिन बीते 1 सप्ताह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में बरसात के कारण बिजली की मांग में कमी आई है. जिसके चलते बिजली संकट के इस दौर में डिस्कॉम और उत्पादन निगम ने राहत की सांस ली है. वर्तमान में प्रदेश में करीब 2550 लाख यूनिट की डिमांड है और विभिन्न माध्यमों से इसकी आपूर्ति भी की जा रही है.

प्रदेश में उत्पादन निगम की यह इकाइयां हैं बंद : छबड़ा की 660 मेगावाट (प्रत्येक) क्षमता वाली दो इकाइयां बंद हैं. इसी तरह सूरतगढ़ में 250 मेगावाट (प्रत्येक) की क्षमता वाली 6 इकाइयां फिलहाल बंद हैं. झालावाड़ में 600 मेगावाट की एक यूनिट और कालीसिंध में भी 600 मेगावाट की एक यूनिट में उत्पादन फिलहाल बंद है. हालांकि, कालीसिंध में तकनीकी कारणों से एक इकाई बंद होने की बात सामने आ रही है. वहीं, अधिकतर उत्पादन इकाइयां कोयले की कमी के चलते बंद की गई हैं.

पढ़ें : कांग्रेस के 'जयचंद' बिक गए, लेकिन वे जान लें- राजनीति में मुर्दे दफन नहीं होते...उखाड़े जाते हैं : चांदना

कोल इंडिया से मिल रहा 6 से 7 रैक कोयला प्रतिदिन : प्रदेश में फिलहाल कोल इंडिया के जरिए 6 से 7 रैक कोयला प्रतिदिन आपूर्ति हो रही है. वहीं, 10 रैक कोयला अन्य माध्यमों से राजस्थान को मिल रहा है. हालांकि, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने पिछले दिनों केंद्रीय कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा कर राजस्थान को प्रतिदिन 11 से 12 रैक कोयले की डिमांड की थी, लेकिन कोल इंडिया से इतनी आपूर्ति अब तक संभव नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि कोल इंडिया की खदानों में भी बरसात के चलते पानी भरा हुआ है. वहीं, कोयला बरसात में खाली करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

3 दिन में बढ़ गई 250 लाख यूनिट बिजली की डिमांड : प्रदेश में मौसम में बदलाव के साथ ही बिजली की डिमांड में भी उतार-चढ़ाव आ रहा है. पिछले 3 दिन में तापमान के बढ़ने और कई जिलों में बरसात नहीं होने के कारण बिजली की डिमांड में 250 लाख यूनिट तक की बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में 2550 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन की डिमांड है.

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला पहुंचे दिल्ली, करेंगे कोयला मंत्री से मुलाकात : इस मसले पर दिल्ली में मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से भी मुलाकात करेंगे और राजस्थान में कोयला आपूर्ति को लेकर आ रही समस्याओं को रखकर उसके समाधान की मांग करेंगे. खास तौर पर राजस्थान को कॉल इंडिया के जरिए प्रतिदिन 11 से 12 रैक कोयला मिल सके, इसकी मांग की जाएगी.

हालांकि, दिल्ली दौरे के दौरान मंत्री कल्ला ने राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाकात की और उनके साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात कर बीकानेर में रेलवे फाटक से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा की थी.

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