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त्योहारी सीजन के बीच BVG के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से बिगड़ी सफाई व्यवस्था, अब कंपनी पर की जाएगी सख्ती

त्योहारी सीजन के बीच सोमवार को बीवीजी कंपनी से जुड़े सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे. बीवीजी कंपनी की ओर से जोड़ा गया नया वेंडर कर्मचारियों को हटा रहा था. वहीं, कोरोना से मौत का दंश झेल रहे कर्मचारी जितेंद्र के परिवार को भी पूरा मुआवजा नहीं दिया गया था. इसके साथ ही कर्मचारियों की अन्य 11 सूत्री मांगी थी, जिसे लेकर हड़ताल की गई. हालांकि, जितेंद्र के परिवार को बचे हुए ढाई लाख रुपये देने और नए वेंडर की ओर से कर्मचारियों को नहीं हटाए जाने के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म की गई. वहीं, अब कंपनी पर सख्ती भी की जाएगी.

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जयपुर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था
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Published : Oct 25, 2021, 7:34 PM IST

जयपुर. बीवीजी कंपनी जयपुर शहर में बीते 4 साल से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का कार्य कर रही है. इस कार्य में मुख्य भूमिका वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी निभा रहे हैं. बावजूद इसके, कंपनी प्रबंधक कर्मचारियों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा. इससे कर्मचारियों में रोष है.

वहीं, इसे लेकर बीवीजी से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने कंपनी को मांगे नहीं माने जाने पर काम ठप करने की चेतावनी भी दी थी. तय समय बीतने के बाद भी कंपनी ने कर्मचारियों की मांगों पर कोई सुध नहीं ली. यही नहीं, कर्मचारियों को जुलाई महीने से वेतन भी नहीं दिया गया. हालांकि, कंपनी प्रतिनिधियों और निगम प्रशासन की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म की.

अब कंपनी पर की जाएगी सख्ती...

हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि फिलहाल कर्मचारियों से जुड़े हुए प्रकरण को निस्तारित किया गया है. भविष्य में भी इस तरह की कोई प्रकरण आते हैं, तो उनका रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर की सफाई व्यवस्था में किसी भी तरह की कोताही बरतने पर नोटिस देने के साथ-साथ पेनल्टी लगाई जाएगी. पहले भी पेमेंट काट कर दिया गया है.

उधर, ग्रेटर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि शहर में बीवीजी से जुड़े सफाई कर्मचारियों की हड़ताल किसी भी नगर निगम में रहे, असर पूरे शहर पर पड़ता है. ऐसे में दीपावली के त्योहार को देखते हुए समीक्षा भी की गई है और कंपनी को हिदायत दी गई है कि शहर में सड़कों पर कहीं भी कचरा न मिले.

इन मांगों को लेकर कर्मचारी हैं आंदोलनरत...

कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 10 तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाए. कर्मचारियों का वेतनमान कम्पनी नियम एक्ट के तहत प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत बढ़ाया जाए. कर्मचारियों का वेतनमान पूर्व में कार्य किए गए 4 साल का वेतन का बढ़ा हुआ वेतनमान का भुगतान किया जाए. कर्मचारियों का नए वेतनमान अनुसार आगामी माह से भुगतान किया जाए. कर्मचारियों को ईएसआई/पीएफ की कटौती की डायरी दिलवाई जाए.

पढ़ें : राजस्थान : मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना का बढ़ेगा दायरा, CHC और PHC सेंटर होंगे मजबूत

इसके अलावा कर्मचारियों की मानक सुरक्षा संसाधन दिलवाए जाएं. बीवीजी कंपनी के अधिकारियों द्वारा वाल्मीकि समाज के लोगों को कार्य से हटाने की धमकी दी जाती है, कर्मचारियों को कार्य से हटाने से पूर्व कम्पनी एक्ट के तहत सम्पूर्ण पीएफ, 3 माह की सैलेरी, नियमानुसार ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर ही कार्य से हटाया जाए. वाल्मीकि समाज के शिक्षित युवाओं को बीवीजी के उच्च पदों पर लगाया जाए. कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर पुरस्कृत किया जाए. कर्मचारियों में श्रेष्ठ कार्य करने वाले कर्मचारी को पदोन्नत किया जाए. कर्मचारियों का समय पर वेतन नहीं मिलने पर हड़ताल किए जाने पर वेतन नहीं काटा जाए.

जयपुर. बीवीजी कंपनी जयपुर शहर में बीते 4 साल से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का कार्य कर रही है. इस कार्य में मुख्य भूमिका वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी निभा रहे हैं. बावजूद इसके, कंपनी प्रबंधक कर्मचारियों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा. इससे कर्मचारियों में रोष है.

वहीं, इसे लेकर बीवीजी से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने कंपनी को मांगे नहीं माने जाने पर काम ठप करने की चेतावनी भी दी थी. तय समय बीतने के बाद भी कंपनी ने कर्मचारियों की मांगों पर कोई सुध नहीं ली. यही नहीं, कर्मचारियों को जुलाई महीने से वेतन भी नहीं दिया गया. हालांकि, कंपनी प्रतिनिधियों और निगम प्रशासन की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म की.

अब कंपनी पर की जाएगी सख्ती...

हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि फिलहाल कर्मचारियों से जुड़े हुए प्रकरण को निस्तारित किया गया है. भविष्य में भी इस तरह की कोई प्रकरण आते हैं, तो उनका रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर की सफाई व्यवस्था में किसी भी तरह की कोताही बरतने पर नोटिस देने के साथ-साथ पेनल्टी लगाई जाएगी. पहले भी पेमेंट काट कर दिया गया है.

उधर, ग्रेटर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि शहर में बीवीजी से जुड़े सफाई कर्मचारियों की हड़ताल किसी भी नगर निगम में रहे, असर पूरे शहर पर पड़ता है. ऐसे में दीपावली के त्योहार को देखते हुए समीक्षा भी की गई है और कंपनी को हिदायत दी गई है कि शहर में सड़कों पर कहीं भी कचरा न मिले.

इन मांगों को लेकर कर्मचारी हैं आंदोलनरत...

कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 10 तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाए. कर्मचारियों का वेतनमान कम्पनी नियम एक्ट के तहत प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत बढ़ाया जाए. कर्मचारियों का वेतनमान पूर्व में कार्य किए गए 4 साल का वेतन का बढ़ा हुआ वेतनमान का भुगतान किया जाए. कर्मचारियों का नए वेतनमान अनुसार आगामी माह से भुगतान किया जाए. कर्मचारियों को ईएसआई/पीएफ की कटौती की डायरी दिलवाई जाए.

पढ़ें : राजस्थान : मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना का बढ़ेगा दायरा, CHC और PHC सेंटर होंगे मजबूत

इसके अलावा कर्मचारियों की मानक सुरक्षा संसाधन दिलवाए जाएं. बीवीजी कंपनी के अधिकारियों द्वारा वाल्मीकि समाज के लोगों को कार्य से हटाने की धमकी दी जाती है, कर्मचारियों को कार्य से हटाने से पूर्व कम्पनी एक्ट के तहत सम्पूर्ण पीएफ, 3 माह की सैलेरी, नियमानुसार ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर ही कार्य से हटाया जाए. वाल्मीकि समाज के शिक्षित युवाओं को बीवीजी के उच्च पदों पर लगाया जाए. कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर पुरस्कृत किया जाए. कर्मचारियों में श्रेष्ठ कार्य करने वाले कर्मचारी को पदोन्नत किया जाए. कर्मचारियों का समय पर वेतन नहीं मिलने पर हड़ताल किए जाने पर वेतन नहीं काटा जाए.

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