जयपुर. शहीद स्मारक पर बीएसटीसी के अभ्यर्थी एनसीटीई की गाइडलाइन का विरोध कर रहे हैं. इसे काला कानून बताकर सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोर्ट में चल रहे मामले में वे मजबूती से पैरवी करें. शनिवार को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर बीएसटीसी अभ्यर्थियों के लिए जाने वाले खाने को रोक दिया था. इसके बाद बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया और रविवार को बीएसटीसी अभ्यर्थियों का पानी के टैंकर को भी नहीं आने दिया. जिसके कारण अब अभ्यर्थियों की तबीयत भी खराब होने लगी है.
भूखे-प्यासे रहने के कारण अब तक 3 अभ्यर्थियों रामदेव चोटिया, रामसिंह और ओमप्रकाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया. रामसिंह और ओम प्रकाश की सोमवार को तबियत खराब हुई. ओमप्रकाश दोपहर में चक्कर खाकर नीचे गिर गया और उसे पुलिस की गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया गया. दो अभ्यर्थी इलाज लेने के बाद वापस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं.
संघर्ष समिति के सदस्य महेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन हम लोगों पर अत्याचार कर रही है, न खाना आने दिया जा रहा है और न ही पानी के टैंकर की व्यवस्था की जा रही है. न पुलिस-प्रशासन सुनवाई कर रहा है और न ही सरकार. महेंद्र कुमार ने कहा कि हमारा एक साथी अस्पताल से आता है और दूसरा चला जाता है. उन्होंने सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया और कहा कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
महेंद्र ने बताया कि 3 साथियों की तबीयत खराब हो चुकी है और शेष साथियों की भी हालत खराब है. महेंद्र ने विधायपुरी थानेदार पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमारा खाना नहीं आने दिया, जिसका विरोध किया जा रहा है. जबतक हमारी मांग नहीं मानी जाती है, हम लड़ते रहेंगे.