जयपुर. पूरे विश्व में गुरुवार को विश्व मानक दिवस मनाया गया. पिंकसिटी जयपुर में भी एक निजी होटल में इस सिलसिले में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उपभोक्ताओं, नियामक और उद्योगों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था के मानकीकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी गई. कार्यक्रम में बताया गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो ने अब तक 22 हजार स्टैंडर्ड जारी किए हैं और यह स्टैंडर्ड भारत के सतत विकास में सहायक होंगे.
कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय लेखा परीक्षा और सतत विकास केंद्र के महानिदेशक मनीष कुमार और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) जयपुर शाखा कार्यालय फर्स्ट की प्रमुख कनिका कालिया भी मौजूद रही. महानिदेशक मनीष कुमार ने कहा कि भारत में उत्पाद गुणवत्ता को सुधारने और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में भारतीय मानक ब्यूरो के सराहनीय योगदान रहा है. लघु स्तर पर किए गए सुधारों से पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना आसानी से किया जा सकता है.
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मनीष कुमार ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने अब तक 22000 से स्टैंडर्ड जारी किए हैं. यह स्टैंडर्ड भारत के सतत विकास में काफी सहायक सिद्ध होंगे. 2030 में जब हम सतत विकास की चर्चा करेंगे तो उस समय भारतीय मानक ब्यूरो के स्टैंडर्ड की भी बात की जाएगी. कनिका कालिया ने कहा कि हर वर्ष 14 अक्टूबर को विश्व स्तर पर विश्व मानक दिवस मनाया जाता है. इस दिन उपभोक्ताओं, नियामकों और उद्योगों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था के मानकीकरण के महत्व के बारे में जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
भारतीय मानक ब्यूरो अपनी स्थापना का मना रहा 75 वां वर्ष
दुनिया भर में मानकीकरण संस्थाओं की ओर से इस दिन मानकीकरण के संवर्धन के लिए अलग-अलग आयोजन होते हैं. इस साल सामयिक एवं रोचक विषय ' एक बेहतर दुनिया के लिए हमारा साझा दृष्टिकोण' को केंद्रीय विषय के रूप में चुना गया है. उन्होंने बताया कि हमारे राष्ट्र की तरह ही भारतीय मानक ब्यूरो अपनी स्थापना का 75 वां वर्ष मना रहा है. कार्यक्रम डॉ. बिशनु प्रसाद पांडा, डॉ विवेकानंद, डॉ. पुष्कर कुमार ने सामयिक विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त किए.
जयपुर फुट को भी दिया मानक
कार्यक्रम में जयपुर के श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के जयपुर फुट को भी पहला मानक देने पर सम्मानित किया गया. इसके अलावा शालीमार सील के उत्पाद बिटुमिनस वाटर प्रुफिंग एवं टार प्रोडक्टस के डैम्प प्रुफिंग मेम्ब्रेन के लिए भारत में पहला लाइसेंस अर्जित करने पर सम्मानित किया गया.
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कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो के सबसे पुराने लाइसेंसधारी उद्योग राजस्थान इंडस्ट्रियल एंड साइंटिफिक कॉरपोरेशन (1965), कैप्सटन मीटर (1965), न्यू इंडिया इंजीनियरिंग वर्क्स (1975), राजस्थान ट्रान्समिशन वायर (1978) व श्री कृष्णा रोलिंग मिल (1980) के प्रतिनिधियों के उद्योग जगत की गुणवत्ता सुधारने में उठाए गए सर्वप्रथम कदम को भी सराहा गया. भारतीय मानक ब्यूरो के लाइसेंस धारी उद्योग जैसे सीमेंट, बिजली के तार, ट्रांसफार्मर प्लास्टिक के पाइप, बोतलबंद पानी, सरिया, पानी और बिजली के मीटर, गैस सिलेंडर इत्यादि उत्पादों को बनाने वाले जयपुर के प्रमुख उद्योगपति, निर्माता संघ के पदाधिकारी उपभोक्ता आदि ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.