जयपुर. आर्थिक तंगी से जूझ रहा जयपुर नगर निगम प्रशासन अब अपने रेवेन्यू सोर्स बढ़ाने में जुटा हुआ है. पहले राजस्व अधिकारियों पर निर्भर ना रहते हुए दोनों निगमों में नगरीय विकास कर और होर्डिंग टैक्स की वसूली का काम प्राइवेट फर्म से कराना शुरू किया गया. वहीं अब 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर स्वयं के राजस्व के स्रोत बढ़ाने के लिए पीजी, हॉस्टल, कोचिंग सेंटर, निजी अस्पताल, तंबाकू उत्पाद बेचने वाले और ट्रेड लाइसेंस के लिए 5 नियम बनाकर राज्य सरकार को गजट नोटिफिकेशन और अप्रूवल के लिए भेजा गया है.
इन्हें अप्रूवल मिलने के साथ इन नियमों को भी लागू किया जाएगा. जिससे इकट्ठे हुए राजस्व को जनता के विकास कार्यों पर खर्च किया जा सके. रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज के अनुसार कोचिंग सेंटर में छात्रों की संख्या, हॉस्टल में बेड की बुकिंग, तंबाकू उत्पादों के नियंत्रण और नियमन को लेकर अनुज्ञप्ति शुल्क नियम का प्रारूप बनाया गया है.
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वहीं हेरिटेज नगर निगम रेवेन्यू उपायुक्त दिलीप शर्मा ने बताया कि ग्रेटर नगर निगम की ओर से भेजे गए नियमों के अलावा, हेरिटेज निगम क्षेत्र में पर्यटन स्थलों से रेवेन्यू जेनरेट करने का कोई स्कोप होगा, तो इस संबंध में चर्चा कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा. हालांकि राज्य सरकार द्वारा लीज मनी, यूडी टैक्स और हाउस टैक्स में बढ़ाए गए छूट के प्रावधान के चलते नगर निगम को उम्मीद है कि इससे लोगों को तो फायदा मिलेगा ही, निगम का रेवेन्यू भी जनरेट होगा. साथ ही खाली पड़ी तिजोरी परिस्थितियां सामान्य होने के साथ फिर से भरेगी. वहीं अब नए सोर्स भी तलाशे गए हैं.