जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की पहली दो तिमाही में जयपुर का प्रदर्शन पहले से बेहतर जरूर हुआ है. लेकिन इसका फायदा जयपुर को आखिरी ऑब्जर्वेशन में नहीं मिल पाएगा. ऐसे में अब सफाई के उचित प्रबंधन से ही जयपुर की रैंक सुधर सकती है.
केंद्रीय, शहरी और आवास विकास मंत्रालय इस बार पूरे साल स्वच्छता सर्वेक्षण कर रहा है. जिसके तहत अप्रैल से जून तक चले पहले चरण में जयपुर को 25वां स्थान, जबकि जुलाई से सितंबर तक चले दूसरे चरण में 31वां स्थान मिला है. जबकि तीसरा चरण अक्टूबर से जनवरी तक का है. हालांकि दिल्ली से आई टीम ने सर्वे के दौरान जिन शहरवासियों से सवाल पूछे उसमें वो नाखुश नजर आए. जबकि स्वच्छता सर्वे 2020 से पहले आई दो तिमाही की रैंकिंग ने जयपुर नगर निगम प्रशासन में उत्साह लाने का काम किया है.
निगम प्रशासक विजयपाल सिंह ने इसे बड़ा अचीवमेंट नहीं मानने की बात कहते हुए कहा कि अभी जो अंक मिले हैं वो डॉक्यूमेंटेशन और ऑब्जरवेशन के हैं. लेकिन अभी इससे बेहतर करने की जरूरत है.
इस दौरान उन्होंने बताया कि डिटेल ऑब्जरवेशन जनवरी-फरवरी में होना है, जिसके आधार पर फाइनल रैंकिंग होगी. ऐसे में अब युद्ध स्तर पर सफाई का काम करना होगा, चूंकि जयपुर को गार्बेज फ्री सिटी घोषित किया है तो मौके पर कचरे के ढेर नजर ना आए इस क्रम में काम करना होगा.
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वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए अब दिन-रात काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बीवीजी ने भी संसाधनों की कमी को बेहतर करने का प्रयास किया है. अभी भी काफी कमियां हैं, जिनको दूर करने का प्रयास किया जाएगा.
बता दें कि फिलहाल दो तिमाही के अंकों के साथ रैंक जारी की गई है. जबकि तीनों तिमाही में पहले स्थान पर रहने वाले शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में सीधे 200 अंकों का फायदा मिलना है. ऐसे में जयपुर इन 200 अंक को तो गवां चुका है. लेकिन अब उनका फोकस फाइनल ऑब्जरवेशन पर है.