जयपुर. नगर निगम की संपत्ति पर से अवैध कब्जा हटाना फिलहाल विवाद का विषय बना हुआ है. इसे लेकर ग्रेटर नगर निगम बोर्ड और आयुक्त आमने सामने है. जहां आयुक्त इसे गैराज समिति की बैठक में लिया गया फैसला बताते हुए कार्रवाई को 200 फ़ीसदी सही बता रहे हैं. वहीं महापौर ने लॉकडाउन के दौरान अतिक्रमियों को बेघर करने की इस कार्रवाई को आयुक्त की मनमानी बताते हुए सीएम से आयुक्त पर कार्रवाई की मांग की है.
विद्याधर नगर के परशुराम सर्किल पर ग्रेटर नगर निगम की कार्रवाई का राजनीतिकरण शुरू हो गया है. महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर सोमवार को समिति अध्यक्षों की बैठक ली. जिसमें सभी ने एक स्वर में कोरोना संक्रमण काल में इस तरह की कार्रवाई को अमानवीय बताया.
महापौर ने कहा कि इस कार्रवाई के लिए आयुक्त ने कोई पूर्व सूचना नहीं दी और अब बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं. लोक वाहन समिति की समीक्षा बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई थी और इन कच्ची झोपड़ियों को हटाने पर सहमति भी बनी थी, लेकिन कार्रवाई कब की जानी है, इसकी तारीख और दिन तय नहीं हुआ था. आयुक्त ने बिना उनसे पूछे अपने स्तर पर ही कार्यालय आदेश निकाल कर कार्रवाई को अंजाम दिया. हालांकि कार्रवाई के दौरान आयुक्त को फोन करके इसे रोकने के लिए भी कहा, मगर कार्रवाई कर दी गई.
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वहीं गैराज समिति चेयरमैन विनोद चौधरी ने कहा कि कार्रवाई रुकवाने के लिए वो मौके पर भी गए थे. मगर तब तक सभी झोपड़ियों को तोड़कर लोगों को वहां से हटा दिया गया था. इस दौरान महापौर ने मुख्यमंत्री को सांसी समाज के लोगों को पुनर्वास करने के लिए पत्र लिखने की भी बात कही.
बता दें कि गैराज शाखा की समीक्षा बैठक में समिति सदस्यों और अधिकारियों के समक्ष विद्याधर नगर जोन में नवनिर्मित गैराज में कतिपय लोगों द्वारा कब्जा करने पर चर्चा हुई थी. जिसे हटाकर पालना से अवगत कराने का निर्णय लिया गया था. हालांकि विवाद कोरोना संक्रमण काल में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान की गई कार्रवाई से उपजा है.