जयपुर. शब्दों और साहित्य का उत्सव जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 14वें संस्करण का शुक्रवार को वर्चुअल मोड पर आगाज हुआ. कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार जेएलएफ का आयोजन वर्चुअल मोड पर हो रहा है. पहले दिन कुल 19 सेशन हुए, जिसमें जीवन के विभिन्न आयामों को लेकर कलाकारों, साहित्यकारों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों की कई ख्यातनाम हस्तियों ने चर्चा की.
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उद्घाटन सत्र ब्रेव न्यू वर्ल्ड में कोविड-19 महामारी से बदली दुनिया और इसके प्रभाव को रेखांकित किया गया. इसके बाद लोकगीतों में छिपे जीवन के रस, शास्त्रीय गायन, शब्द, वाक्य और तस्वीरों पर चर्चा के साथ ही महामारी से पहले और बाद की दुनिया को लेकर भी चर्चा की गई.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने 22 फरवरी से शुरू हो रहे बायो एशिया में पॉलिसी मेकिंग के बारे में चर्चा की. शाम को एक सेशन में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस ने अपनी किताब अनफिनिश्ड के साथ ही अपने जीवन के विभिन्न आयामों को लेकर लेखिका शोभा डे के साथ बात की.
लंदन के साइंस म्यूजियम ग्रुप के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सर इयान ब्लेचफोर्ड ने उद्घटान सत्र में द आर्ट ऑफ इनोवेशन पर कहा कि महामारी का समय दुनियाभर में बुरा रहा, लेकिन रचनात्मकता के क्षेत्र में नई खोज भी हुई है. एक अन्य सेशन में शास्त्रीय संगीत गायिका विद्या शाह से गीतकार प्रसून जोशी ने बात की. उन्होंने कहा कि लोकसंगीत में कोई मिलावट करें तो यह स्वीकार्य नहीं है. आज भी लोक संगीत हाथों-हाथ लिया जाता है. विद्या शाह ने कहा कि लोक संगीत की उपस्थिति भारतीय संगीत की दुनिया में शुरू से ही रही है.
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एक अन्य सेशन पेंडेमिक: पास्ट और फ्यूचर में चिन्मय तुम्बे और लोरा स्पिनी से अम्बरीश सात्विक से बात की. इस सेशन में कोरोना के मनोवैज्ञानिक असर से लेकर कला और संस्कृति पर पड़े असर पर चर्चा की गई. इस महामारी से साहित्य में उभरी नई खोज पर भी बात की गई. इसके साथ ही अनफिनिश्ड सेशन में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने अपनी किताब 'अनफिनिश्ड' के साथ ही निजी जीवन और सामान्य छात्रा से लेकर मिस वर्ल्ड बनने तक के सफर को लेकर लेखिका शोभा डे से खुलकर बात की. इसके साथ ही ब्रिटेड बाय होप, माइकल मधुसूदन दत्त, गुलाबो सपेरा एंड द डांस ऑफ द सरपेंट्रस भी खास रहे.