जयपुर. मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने जालूपुरा के एमएलए क्वार्टर और विधायक नगर पूर्व की जमीन अब हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर करने के बजाय, इसे बेचने का काम जेडीए को ही सौंप दिया है. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड का काम सिर्फ ज्योति नगर में विधायक नगर पश्चिम की जमीन पर बहुमंजिला फ्लैट बनाना ही रह गया है.
बीते साल जून में राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि विधायकों के लिए बहुमंजिला इमारत में फ्लैट बनाए जाएंगे. जिसकी नोडल एजेंसी हाउसिंग बोर्ड को बनाया गया. मंत्रिमंडलीय समिति ने फैसला लेते हुए जालूपुरा और विधायक नगर पूर्व की जमीन को हाउसिंग बोर्ड की ओर से बेचे जाने का भी फैसला लिया था. जेडीए प्रशासन को ये जमीन हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे. लेकिन, बीते 6 महीनों में नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना तो दूर विधायकों से आवास भी खाली नहीं कराए जा सके. वहीं, अब मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने जालूपुरा और विधायक नगर पूर्व की जमीन हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर करने के बजाए जेडीए को ही इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है.
इस संबंध में जेडीसी गौरव गोयल ने कहा कि आवासन मंडल, जेडीए दोनों सरकार का ही हिस्सा है. ऐसे में तकनीकी रूप से ये उचित पाया गया कि जेडीए के हिस्से की जमीन के विकास और बेचान का काम जेडीए ही करेगा जो बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम है, वो हाउसिंग बोर्ड करेगा. जालूपुरा की जमीन पर टूरिस्ट अट्रैक्शन डेवलप जाएगा, ताकि व्यापार और रोजगार भी बढ़े. उधर, हाउसिंग बोर्ड ने जेडीए प्रशासन से 100 करोड़ रुपए की पहली किस्त मांगी है, ताकि बहुमंजिला इमारत में 160 फ्लैट बनाए जा सके. बता दें कि हाउसिंग बोर्ड को करीब ढाई साल में ज्योति नगर में विधायक नगर पश्चिम की जमीन पर 8 टावर में 160 फ्लैट्स बनाने हैं. प्रत्येक फ्लैट का निर्मित एरिया 3200 वर्ग फीट होगा. जिसमें कई लग्जरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.