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Swachh Survekashan 2021: जयपुर की गिरी रैंकिंग, ग्रेटर निगम ने राजनीति पर मढ़ा दोष

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Published : Nov 23, 2021, 10:11 AM IST

देश के बड़े शहरों के लिए किए गए स्वच्छता सर्वे (Cleanliness Survey) में जयपुर ग्रेटर (Jaipur Greater) को 36 वीं रैंक मिली है. इस रैंकिंग से निगम निराश है और इसे चिंताजनक भी करार दे रहा है. रिजल्ट से बेहद खफा ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट (Deputy Mayor punit karnawat) ने इसे राजनीतिक भेदभाव का नतीजा बताया है.

Swachh Survekashan 2021
जयपुर की गिरी रैंकिंग, ग्रेटर निगम ने राजनीति पर मढ़ा दोष

जयपुर: ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट (Deputy Mayor punit karnawat) ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekashan 2021) में जयपुर (Jaipur) की रैंक गिरने को चिंताजनक बताया.

उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar Nigam) प्रतिबद्ध है, लेकिन राज्य सरकार (Rajya Sirkar) भेदभाव बंद करे. उन्होंने जयपुर वासियों (Jaipur) की भलाई और बेहतरी के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य सरकार से निगम को सहयोग करने की अपील की है.

देश के बड़े शहरों के लिए किए गए स्वच्छता सर्वे (Cleanliness Survey) में जयपुर ग्रेटर (Jaipur Greater) को 36 वीं रैंक मिली है. इस पर पुनीत कर्णावट (Puneet Karnawat) ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे एक चेतावनी (Warning) हैं. ये दर्शाते हैं कि जयपुर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम के साथ प्रशासन और राज्य सरकार (Rajasthan Government) को पूरी ईमानदारी से सामूहिक प्रयास (Collective Efforts) करने की आवश्यकता है.

उन्होंने राज्य सरकार (Rajasthan Government) पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जयपुर में दो निगमों (2 Nigams) के गठन के बाद से ही राज्य सरकार की ओर से ग्रेटर निगम (Greater Nigam) के साथ लगातार पक्षपात किया जा रहा है. क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम के प्रशासनिक और आर्थिक अधिकारों में हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार की ओर से पिछले एक वर्ष में कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी गई. सफ़ाई कर्मचारियों और संसाधनों के वितरण में भी भारी भेदभाव किया गया.

पढ़ें-गहलोत सरकार ने जयपुर ग्रेटर निगम की कार्यवाहक महापौर शील धाभाई का कार्यकाल 60 दिन और बढ़ाया

कर्मचारियों और सफाई उपकरणों (Cleanliness Tools) की कमी से जूझते ग्रेटर निगम (Greater Nigam) को अपनी पूरी क्षमता से काम करने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुनीत कर्णावट ने कहा कि राजधानी जयपुर (Jaipur) में प्रदेश की पूरी सरकार बैठती है और जयपुर (Jaipur) का विश्व पटल पर एक विशिष्ट स्थान है. जयपुर की स्वच्छता को लेकर किसी भी तरह से कोई कम्प्रोमाइज (Compromise) नहीं किया जा सकता है. इसलिए यदि जयपुर की छवि खराब (Image Of Jaipur) होती है तो इसका नकारात्मक प्रभाव पूरे राज्य और प्रदेश सरकार की छवि पड़ता है.

उन्होंने कहा कि लाखों पर्यटक हर वर्ष जयपुर भ्रमण (jaipur Bhraman) के लिए आते हैं. जिससे शहर में रोजगार, व्यापार और राजस्व के अवसर प्राप्त होते हैं. लेकिन स्वच्छता में पिछड़ने के कारण पर्यटन से जुड़े व्यापार पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है.

कर्णावट ने जयपुर को बेहतर बनाने के लिए सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की अपील की. साथ ही कहा कि जयपुर की स्वच्छता रैंकिंग (Cleanliness Ranking) में सुधार के लिए राज्य सरकार को निष्पक्षता पूर्वक ग्रेटर निगम (Greater Nigam) को आवश्यक आर्थिक सहयोग (Necessary Financial Support) और संसाधन (Resource) उपलब्ध करवाने चाहिए. प्रशासनिक अधिकारों में दखलंदाजी तुरंत बंद करनी चाहिए. ताकि नगर निगम (Nagar Nigam) पूरी क्षमता से जनता की सेवा कर पाए.

जयपुर: ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट (Deputy Mayor punit karnawat) ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekashan 2021) में जयपुर (Jaipur) की रैंक गिरने को चिंताजनक बताया.

उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar Nigam) प्रतिबद्ध है, लेकिन राज्य सरकार (Rajya Sirkar) भेदभाव बंद करे. उन्होंने जयपुर वासियों (Jaipur) की भलाई और बेहतरी के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य सरकार से निगम को सहयोग करने की अपील की है.

देश के बड़े शहरों के लिए किए गए स्वच्छता सर्वे (Cleanliness Survey) में जयपुर ग्रेटर (Jaipur Greater) को 36 वीं रैंक मिली है. इस पर पुनीत कर्णावट (Puneet Karnawat) ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे एक चेतावनी (Warning) हैं. ये दर्शाते हैं कि जयपुर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम के साथ प्रशासन और राज्य सरकार (Rajasthan Government) को पूरी ईमानदारी से सामूहिक प्रयास (Collective Efforts) करने की आवश्यकता है.

उन्होंने राज्य सरकार (Rajasthan Government) पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जयपुर में दो निगमों (2 Nigams) के गठन के बाद से ही राज्य सरकार की ओर से ग्रेटर निगम (Greater Nigam) के साथ लगातार पक्षपात किया जा रहा है. क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम के प्रशासनिक और आर्थिक अधिकारों में हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार की ओर से पिछले एक वर्ष में कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी गई. सफ़ाई कर्मचारियों और संसाधनों के वितरण में भी भारी भेदभाव किया गया.

पढ़ें-गहलोत सरकार ने जयपुर ग्रेटर निगम की कार्यवाहक महापौर शील धाभाई का कार्यकाल 60 दिन और बढ़ाया

कर्मचारियों और सफाई उपकरणों (Cleanliness Tools) की कमी से जूझते ग्रेटर निगम (Greater Nigam) को अपनी पूरी क्षमता से काम करने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुनीत कर्णावट ने कहा कि राजधानी जयपुर (Jaipur) में प्रदेश की पूरी सरकार बैठती है और जयपुर (Jaipur) का विश्व पटल पर एक विशिष्ट स्थान है. जयपुर की स्वच्छता को लेकर किसी भी तरह से कोई कम्प्रोमाइज (Compromise) नहीं किया जा सकता है. इसलिए यदि जयपुर की छवि खराब (Image Of Jaipur) होती है तो इसका नकारात्मक प्रभाव पूरे राज्य और प्रदेश सरकार की छवि पड़ता है.

उन्होंने कहा कि लाखों पर्यटक हर वर्ष जयपुर भ्रमण (jaipur Bhraman) के लिए आते हैं. जिससे शहर में रोजगार, व्यापार और राजस्व के अवसर प्राप्त होते हैं. लेकिन स्वच्छता में पिछड़ने के कारण पर्यटन से जुड़े व्यापार पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है.

कर्णावट ने जयपुर को बेहतर बनाने के लिए सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की अपील की. साथ ही कहा कि जयपुर की स्वच्छता रैंकिंग (Cleanliness Ranking) में सुधार के लिए राज्य सरकार को निष्पक्षता पूर्वक ग्रेटर निगम (Greater Nigam) को आवश्यक आर्थिक सहयोग (Necessary Financial Support) और संसाधन (Resource) उपलब्ध करवाने चाहिए. प्रशासनिक अधिकारों में दखलंदाजी तुरंत बंद करनी चाहिए. ताकि नगर निगम (Nagar Nigam) पूरी क्षमता से जनता की सेवा कर पाए.

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