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Jaipur BVG Company Case : कानूनी बाध्यता दूर कर ग्रेटर निगम में भी बीवीजी कंपनी का करार रद्द करने की उठी मांग - Door to Door Sweepers BVG Company

जयपुर में 2017 से अब तक डोर टू डोर सफाई करने वाली बीवीजी कंपनी (Door to Door Sweepers BVG Company) को करीब 480 नोटिस दिए गए. फिर भी कंपनी ने टेंडर की शर्तों के अनुरूप काम नहीं किया. कंपनी की इस कार्यशैली पर एक्शन लेते हुए हेरिटेज निगम ने कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया. वहीं ग्रेटर निगम भी कंपनी से करार रद्द करना चाहता है. लेकिन कानूनी बाध्यता के चलते निगम के हाथ बंधे हुए हैं. ऐसे में ग्रेटर निगम उपमहापौर ने राज्य सरकार से कोर्ट में निगम का पक्ष मजबूती से रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की अपील की है.

Jaipur BVG Company Case
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Published : Dec 25, 2021, 8:53 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में सफाई को लेकर प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी नाराजगी जता चुके हैं. धारीवाल ने तो नियम शर्तों को लेकर कंपनी पर कार्रवाई करने की मजबूरी बताकर एग्रीमेंट नहीं तोड़ने की बात कही थी. लेकिन हेरिटेज निगम प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए एमओयू की शर्तों को की पालना नहीं करने पर बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट कर दिया.

इसके बाद से 150 वार्ड वाले ग्रेटर नगर निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation news) में भी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाने की आवाज एक बार फिर बुलंद हुई है. ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि कानूनी बाध्यताएं समाप्त कर ग्रेटर निगम में भी कम्पनी का एग्रीमेंट रद्द किया जाना चाहिए. ताकि ग्रेटर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था जल्द से जल्द पटरी पर लौट सके. कर्णावट ने कहा कि कंपनी की मनमानी और खराब सफाई व्यवस्था के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के सर्वे की रैंक में पिछड़े.

ग्रेटर निगम में भी बीवीजी कंपनी का करार रद्द करने की मांग

लेकिन आगामी सर्वेक्षण 2022 के लिए शुरू होने वाले सर्वे में जयपुर की छवि सुधारने की चुनौती निगम के सामने है. ऐसे में शहर की आम जनता और शहर की गिरती साख को देखते हुए उन्होंने राज्य सरकार से कानूनी बाध्यताएं समाप्त करवाने के लिए कोर्ट में निगम का पक्ष मजबूती से रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की अपील की.

पढ़ें- जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने बीवीजी कंपनी का करार किया रद्द

बता दें कि किसी बीवीजी कंपनी (Jaipur BVG Company Case) के रुके हुए भुगतान को लेकर ग्रेटर निगम में कई बड़े विवाद हुए. इस विवाद में तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर को कुर्सी तक गंवानी पड़ी थी. वहीं कोरोना काल में भी कंपनी के कर्मचारियों की ओर से बार-बार हड़ताल पर जाने से शहर की कई बार सफाई व्यवस्था भी बिगड़ी.

जयपुर. राजधानी जयपुर में सफाई को लेकर प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी नाराजगी जता चुके हैं. धारीवाल ने तो नियम शर्तों को लेकर कंपनी पर कार्रवाई करने की मजबूरी बताकर एग्रीमेंट नहीं तोड़ने की बात कही थी. लेकिन हेरिटेज निगम प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए एमओयू की शर्तों को की पालना नहीं करने पर बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट कर दिया.

इसके बाद से 150 वार्ड वाले ग्रेटर नगर निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation news) में भी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाने की आवाज एक बार फिर बुलंद हुई है. ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि कानूनी बाध्यताएं समाप्त कर ग्रेटर निगम में भी कम्पनी का एग्रीमेंट रद्द किया जाना चाहिए. ताकि ग्रेटर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था जल्द से जल्द पटरी पर लौट सके. कर्णावट ने कहा कि कंपनी की मनमानी और खराब सफाई व्यवस्था के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के सर्वे की रैंक में पिछड़े.

ग्रेटर निगम में भी बीवीजी कंपनी का करार रद्द करने की मांग

लेकिन आगामी सर्वेक्षण 2022 के लिए शुरू होने वाले सर्वे में जयपुर की छवि सुधारने की चुनौती निगम के सामने है. ऐसे में शहर की आम जनता और शहर की गिरती साख को देखते हुए उन्होंने राज्य सरकार से कानूनी बाध्यताएं समाप्त करवाने के लिए कोर्ट में निगम का पक्ष मजबूती से रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की अपील की.

पढ़ें- जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने बीवीजी कंपनी का करार किया रद्द

बता दें कि किसी बीवीजी कंपनी (Jaipur BVG Company Case) के रुके हुए भुगतान को लेकर ग्रेटर निगम में कई बड़े विवाद हुए. इस विवाद में तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर को कुर्सी तक गंवानी पड़ी थी. वहीं कोरोना काल में भी कंपनी के कर्मचारियों की ओर से बार-बार हड़ताल पर जाने से शहर की कई बार सफाई व्यवस्था भी बिगड़ी.

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