जयपुर. राजस्थान की राजधानी में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि कुछ वर्ष पूर्व उसकी मुलाकात महेंद्र कुमार ओझा नाम के व्यक्ति से हुई. महेंद्र का सुरज्ञान के घर पर आना-जाना था और दोनों के बीच में काफी घनिष्ठ मित्रता हो गई.
सुरज्ञान मीणा खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है और महेंद्र को पता था कि सुरज्ञान का पुत्र राहुल मीणा एक पढ़ा-लिखा बेरोजगार है. जिस पर महेंद्र ने सुरज्ञान को उसके बेटे की रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा दिया और रेलवे के उच्चाधिकारियों से जान पहचान बताई. साथ ही खुद की भी राजनैतिक पहुंच बताकर सुरज्ञान को अपने जाल में फंसाया.
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इसके बाद रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर उसने सुरज्ञान में से अलग-अलग बारी में कुल 9.15 लाख रुपये ठग लिए. साथ ही सुरज्ञान के बेटे राहुल मीणा को रेलवे में नौकरी का एक फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया. जब राहुल मीणा मेडिकल जांच और जॉइनिंग के लिए उत्तर-पश्चिम रेलवे के प्रधान कार्यालय पहुंचा तब उसे नियुक्ति पत्र के फर्जी होने की बात पता चली. जिस पर उसने यह बात अपने पिता सुरज्ञान मीणा को बताई और सुरज्ञान ने जब महेंद्र को फोन कर नियुक्ति पत्र के फर्जी होने की बात कही तो उसने ली गई 9.15 लाख रुपये की राशि वापस लौटाने का आश्वासन दिया.
काफी दिनों तक महेंद्र राशि लौटाने की बात को लेकर टालमटोल करता रहा और बाद में राशि लौटाने से साफ मना कर दिया. साथ ही अपनी राजनैतिक पहुंच की धौंस देकर पिता-पुत्र को जान से मारने की धमकी देने लगा. ठगी का शिकार होने के बाद जब सुरज्ञान मीणा ने प्रतापनगर थाने पहुंच एफआईआर दर्ज करवानी चाही तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस के आला अधिकारियों से भी गुहार लगाई, लेकिन कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हुई. अंत में पीड़ित को न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद प्रताप नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई.