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Special : राजस्थान में 68 ट्रामा सेंटर्स संचालित, मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में मिल रही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं - प्रदेश में एसएमएस ट्रामा सेंटर सबसे बड़ा

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रामा सेंटर पर औसतन 200 मामले इमरजेंसी वार्ड से जुड़े आते हैं. हर जिले में ट्रामा सेंटर खोले गए हैं. हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा का दावा है कि इन सभी सेंटर्स पर पर्याप्त बेड की सुविधा उपलब्ध है.

jaipur emergency patients, 68 trauma centers in rajasthan
राजस्थान का हेल्थ सिस्टम...
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Published : Dec 29, 2020, 7:01 PM IST

जयपुर. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रामा सेंटर पर औसतन 200 मामले आपातकालीन से जुड़े आते हैं. चिकित्सा विभाग के मुताबिक, प्रदेश भर में औसतन 1000 आपातकालीन से जुड़े मामले अस्पतालों में देखने को मिलते हैं. सबसे अधिक मामले रोड एक्सीडेंट या किसी हादसे के सामने आते हैं. राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में ट्रामा सेंटर खोले गए हैं, जहां इस तरह के मरीजों को तुरंत चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध मुहैया कराई जाती है.

प्रदेश में आपातकालीन स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को मिल रही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं...

पर्याप्त संख्या में बेड...

प्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा का कहना है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से ट्रामा सेंटर खोले गए हैं, जहां प्राथमिक उपचार से लेकर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है. प्रदेश में 50 से 100 किलोमीटर के बीच ट्रामा सेंटर्स खोले गए हैं. हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा का दावा है कि इन सभी सेंटर पर पर्याप्त बेड की सुविधा उपलब्ध है. सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र के ट्रामा सेंटर्स पर करीब 1000 से अधिक बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जो आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में पहुंचते हैं.

पढ़ें: 27 लैब टेक्निशियन के भरोसे डूंगरपुर में जांच योजनाएं, खामियाजा भुगत रहे मरीज

  • प्रदेश में 68 ट्रामा सेंटर सरकार कर रही संचालित.
  • 20 अन्य प्राइमरी ट्रामा यूनिट कर रही काम.
  • जल्द ही 40 ट्रामा सेंटर भी किए जाएंगे शुरू.
  • प्रदेश के मेडिकल कॉलेज, सीएससी, पीएचसी, सेटेलाइट हॉस्पिटल, जिला अस्पतालों पर भी आपातकालीन इकाइयां की गई स्थापित.
  • इसमें 29 जिला अस्पताल, 19 सब डिविजनल हॉस्पिटल और सात सैटेलाइट हॉस्पिटल शामिल है.

एसएमएस ट्रामा सेंटर सबसे बड़ा...

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में एक ट्रामा सेंटर भी तैयार किया गया है, जहां सिर्फ आपातकालीन स्थिति में पहुंचे मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाता है. हालांकि, अन्य मेडिकल कॉलेज के अधीन भी ट्रामा सेंटर खोले गए हैं. जयपुर के इस ट्रामा सेंटर में जनरल और आईसीयू वार्ड के अलावा वेंटिलेटर की सुविधा भी 24 घंटे उपलब्ध है. इसके अलावा SMS अस्पताल में अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों के आपातकालीन स्थिति में पहुंचने के लिए अलग से इमरजेंसी इकाई बनाई गई है. मरीज के अस्पताल में पहुंचने के बाद तुरंत उन्हें रेफर कर संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है.

पढ़ें: अब चित्तौड़गढ़ में होगा ब्लड का पोस्टमार्टम, एक यूनिट से बच सकेंगी 4 जानें

  • एसएमएस हॉस्पिटल में अलग से आपातकालीन इकाई की गई तैयार.
  • अस्पताल के 43 वार्ड में कुल 6000 बेड उपलब्ध.
  • 255 चिकित्सक और 660 नर्सिंग स्टाफ तैनात
  • हर दिन औसत 200 से अधिक आपातकालीन मामले अस्पताल में आते हैं.

जयपुर. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रामा सेंटर पर औसतन 200 मामले आपातकालीन से जुड़े आते हैं. चिकित्सा विभाग के मुताबिक, प्रदेश भर में औसतन 1000 आपातकालीन से जुड़े मामले अस्पतालों में देखने को मिलते हैं. सबसे अधिक मामले रोड एक्सीडेंट या किसी हादसे के सामने आते हैं. राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में ट्रामा सेंटर खोले गए हैं, जहां इस तरह के मरीजों को तुरंत चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध मुहैया कराई जाती है.

प्रदेश में आपातकालीन स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को मिल रही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं...

पर्याप्त संख्या में बेड...

प्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा का कहना है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से ट्रामा सेंटर खोले गए हैं, जहां प्राथमिक उपचार से लेकर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है. प्रदेश में 50 से 100 किलोमीटर के बीच ट्रामा सेंटर्स खोले गए हैं. हेल्थ डायरेक्टर डॉ. केके शर्मा का दावा है कि इन सभी सेंटर पर पर्याप्त बेड की सुविधा उपलब्ध है. सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र के ट्रामा सेंटर्स पर करीब 1000 से अधिक बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जो आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में पहुंचते हैं.

पढ़ें: 27 लैब टेक्निशियन के भरोसे डूंगरपुर में जांच योजनाएं, खामियाजा भुगत रहे मरीज

  • प्रदेश में 68 ट्रामा सेंटर सरकार कर रही संचालित.
  • 20 अन्य प्राइमरी ट्रामा यूनिट कर रही काम.
  • जल्द ही 40 ट्रामा सेंटर भी किए जाएंगे शुरू.
  • प्रदेश के मेडिकल कॉलेज, सीएससी, पीएचसी, सेटेलाइट हॉस्पिटल, जिला अस्पतालों पर भी आपातकालीन इकाइयां की गई स्थापित.
  • इसमें 29 जिला अस्पताल, 19 सब डिविजनल हॉस्पिटल और सात सैटेलाइट हॉस्पिटल शामिल है.

एसएमएस ट्रामा सेंटर सबसे बड़ा...

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में एक ट्रामा सेंटर भी तैयार किया गया है, जहां सिर्फ आपातकालीन स्थिति में पहुंचे मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाता है. हालांकि, अन्य मेडिकल कॉलेज के अधीन भी ट्रामा सेंटर खोले गए हैं. जयपुर के इस ट्रामा सेंटर में जनरल और आईसीयू वार्ड के अलावा वेंटिलेटर की सुविधा भी 24 घंटे उपलब्ध है. इसके अलावा SMS अस्पताल में अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों के आपातकालीन स्थिति में पहुंचने के लिए अलग से इमरजेंसी इकाई बनाई गई है. मरीज के अस्पताल में पहुंचने के बाद तुरंत उन्हें रेफर कर संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है.

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  • एसएमएस हॉस्पिटल में अलग से आपातकालीन इकाई की गई तैयार.
  • अस्पताल के 43 वार्ड में कुल 6000 बेड उपलब्ध.
  • 255 चिकित्सक और 660 नर्सिंग स्टाफ तैनात
  • हर दिन औसत 200 से अधिक आपातकालीन मामले अस्पताल में आते हैं.
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