जयपुर. संभागीय आयुक्त ने डोर टू डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था सुधारने के लिए निगम के अधिकारियों को सप्ताह में दो बार सुबह 7 बजे फील्ड में जाकर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हुए हैं और इसकी गूगल फॉर्म में रिपोर्ट भी मांगी है. इन निर्देशों की पालना स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंक के लिए ये एक बेहतर प्रयास हो सकता है. लेकिन, निगम में शिकायतों की पेंडेंसी ये स्पष्ट करती है कि फिलहाल इन निर्देशों की पालना मीटिंग और कागजों में हो रही है. ग्रेटर नगर निगम में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की 1414 है, जबकि हेरिटेज में 185 शिकायतें पेंडिंग है. बावजूद इसके निगम प्रशासन का दावा है कि इस बार रैंक पहले से बेहतर होगी.
नगर निगम प्रशासन में सफाई व्यवस्था और डोर टू डोर कचरा संग्रहण की शिकायतों पर संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने भी चिंता व्यक्त की है. कारण साफ है कि दोनों ही निगम में बड़ी संख्या में सफाई व्यवस्था से जुड़ी शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है.
ग्रेटर नगर निगम
- कुल शिकायतें - 2905
- सफाई की शिकायत - 182
- डोर टू डोर कचरा संग्रहण की शिकायत - 1414
हेरिटेज नगर निगम
- कुल शिकायतें - 818
- सफाई की शिकायत - 96
- डोर टू डोर कचरा संग्रहण की शिकायत - 185
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इन आंकड़ों के बावजूद हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम व्यवस्थाएं सुधरने और रैंक पहले से बेहतर लाने का दावा कर रहे हैं. ग्रेटर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर बृजेश चांदोलिया के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर नियमित रूप से कार्यों की समीक्षा की जा रही है और निश्चित रूप से इस बार पिछले साल की तुलना में बेहतर रैंक आएगी. उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर सेग्रीगेशन नहीं हो रहा. बाकी 90% स्थानों पर जो हूपर पहुंच रहे हैं, उनमें 2 पार्ट हैं. वहीं, बीवीजी कंपनी को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सेग्रीगेशन की 100% पालना की जाए. ताकि डीकंपोजिशन की व्यवस्था भी हो. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से निरीक्षण की गुंजाइश हमेशा रहती है. इस संबंध में जोन डीसी से लेकर सीएसआई/एसआई तक सभी को निर्देश दिए गए हैं कि सफाई से संबंधित कोई भी शिकायत ना आए. उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए आने वाले हूपर में ही कचरा डालें और अब यदि कोई सड़क पर कचरा डालता हुआ मिला, तो दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
वहीं, हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर लोक बंधु ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर के नियमित रूप से मीटिंग भी की गई है और नियमित रूप से निरीक्षण भी किया जा रहा है. बीवीजी कंपनी को डोर टू डोर कचरा संग्रहण और सेग्रीगेशन के लिए पाबंद भी किया गया है. कार्यशैली में कुछ सुधार भी देखने को मिला है. वहीं, निरीक्षण में जो कर्मचारी अनुपस्थित मिले हैं, उन्हें चार्जशीट भी दी गई है और कुछ एक को सस्पेंड भी किया गया है और आगे भी लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा संभागीय आयुक्त ने परकोटे के अस्थाई अतिक्रमण, अवैध निर्माण पर सील लगाने और हटाने में पारदर्शिता, द्रव्यवती नदी पर खराब एसटीपी प्लांट शुरू होने तक वैकल्पिक व्यवस्था, जल महल के पानी को साफ रखने की स्थाई व्यवस्था, ऐतिहासिक इमारतों से छेड़छाड़ नहीं होने और संरक्षण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं.